रांचीःझारखंड में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकारी स्कूल जनवरी माह के शुरुआत से ही बंद हैं और स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. लेकिन इसका पूरा लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है. पहले तो ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या रहती है, दूसरे हर बच्चे के पास मोबाइल और इंटरनेट डेटा की व्यवस्था में नहीं होती. इससे दिक्कत हो रही है. साथ ही सामने बैठकर पढ़ाने जैसी बात नहीं आ पाती. इधर सरकार को मैट्रिक-इंटरमीडिएट परीक्षा की भी चिंता है. इस समस्या के निदान के लिए राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने मोबाइल क्लास चलाने की तैयारी की है.इसे लेकर सभी जिला उपायुक्तों को परियोजना परिषद की ओर से पत्र भी भेजा गया है.
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यह आती है दिक्कतः पिछले साल की तर्ज पर एक बार फिर झारखंड में मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप और दूरदर्शन से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के जरिए पठन-पाठन सुचारू करने की कोशिश की जा रही है. शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं. लेकिन सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा देना शिक्षकों के लिए परेशानियों भरा हो गया है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण नेटवर्क की काफी परेशानी है. शिक्षक जो डेटा उपयोग करते हैं, वह भी क्लास चलते हुए खत्म हो जाता है.
शिक्षक किरण कुमारी शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को अधिक डाटा मुहैया नहीं कराया जाता है इससे वह डाटा क्लास के दौरान ही खत्म हो जाता है. दूसरी ओर मैट्रिक और इंटर परीक्षा की तैयारी भी कराई जा रही है. वहीं शिक्षक शमा परवीन का कहना है कि सिलेबस के तहत पहले टर्म में होने वाली परीक्षा के लिए जरूरी पाठ्यक्रम की पढ़ाई करा ली गई है. हालांकि मुख्य परीक्षा को लेकर अभी भी 2 महीने सिलेबस कंप्लीट कराने में शिक्षकों को लगेंगे.
30% विद्यार्थियों को ही मिल रहा लाभःशिक्षकों का कहना है कि वर्चुअल पढ़ाई से केवल 30 फीसदी स्टूडेंट को ही ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ मिल रहा था. इस समस्या के निदान के लिए राज्य शिक्षा परियोजना परिषद मोबाइल क्लास चलाने की तैयारी कर रहा है. इसे लेकर सभी जिला उपायुक्तों को परिषद की ओर से पत्र भी भेजा गया है. यह योजना आठवीं दसवीं और बारहवीं की परीक्षा, कक्षा 9वी और 11वीं की वार्षिक परीक्षा की तैयारी के लिए दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में संचालित की जाएगी.
इसके तहत एलईडी स्क्रीन लगाकर क्लास चलाने और विद्यार्थियों के परीक्षा की तैयारी कराने का निर्देश परियोजना परिषद ने दिया है. एलईडी स्क्रीन पर पढ़ने वाली सामग्रियों को प्रदर्शित करने और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य और स्वयंसेवकों विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की मदद लेने का निर्देश भी जारी हुआ है. क्लास 6 से 12वीं के लिए ज्ञानोदय मोबाइल मॉडल का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है.
इसके साथ ही मोबाइल कक्षा में विद्यार्थियों को सभी विषयों के डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराने माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं के शिक्षकों के सहयोग से मासिक रूटीन के आधार पर ऑनलाइन कराने को कहा गया है. बताते चलें कि गोड्डा जिला में ज्ञानोदय मोबाइल को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है और इसी मॉडल को झारखंड के सभी जिलों में लागू करने पर शिक्षा विभाग पहल करने जा रहा है.
मैट्रिक इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को लेकर बढ़ी चिंताः सवाल यह उठ रहा है कि मैट्रिक इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर काफी कम समय बचे हैं. हालांकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति हो चुकी है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुमति मिलते ही परीक्षाएं किस आधार पर कंडक्ट किया जाएगा. इसकी तैयारी जैक प्रबंधन कर रहा है. जैक के नवनियुक्त अध्यक्ष की मानें तो जो निर्देश सरकार की ओर से मिलेगा उसी के आधार पर परीक्षा ली जाएगी. फिलहाल परीक्षा आयोजन को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल तैयारियों में जुटी है.