रांची: 1971 में बांग्ला मुक्ति संग्राम के दौरान भारत-पाक युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर शहीद परमवीर लांस नायक अल्बर्ट एक्का की आज जयंती है. गुमला जिले में आज ही के दिन यानी 27 दिसम्बर 1942 को उनका जन्म हुआ था. युद्ध के दौरान दुश्मन पाकिस्तानी सैनिकों से लोहा लेते समय ही 03 दिसंबर 1971 को उन्होंने वीर गति को प्राप्त किया था. अदम्य साहस और वीरता की वजह से उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च सेना पदक परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया गया.
अफसोस की बात यह कि आज सेना के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग हों, राज्य के नेता-मंत्री या अधिकारी हों शायद उन्हें परमवीर की जयंती याद नहीं रही. यही वजह रही कि देर शाम तक सरकार या प्रशासन का कोई प्रतिनिधि तक परमवीर की प्रतिमा पर श्रद्धा के एक पुष्प चढ़ाने नहीं पहुंचा. रांची नगर निगम के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक को तो इसकी भी सुधि नहीं रही कि वह प्रतिमा के ऊपर जमे धूलकण को साफ कर दें.
जिला प्रशासन के अधिकारी सरकार के शपथ लेने के चार साल पूरा होने की तैयारियों को ऐतिहासिक बनाने में ही व्यस्त दिखे. ऐसे में रांची के एक सामाजिक संगठन राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े युवाओं ने जरूर देर शाम महात्मा गांधी रोड स्थिति अल्बर्ट एक्का प्रतिमा स्थल पहुंचें और प्रतिमा को साफ करने के बाद माल्यार्पण किया, दीप जलाया और परमवीर अल्बर्ट एक्का अमर रहे के नारे लगाये.
राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव ने कहा कि वीर सैनिकों की वीरता और शहादत से ही देश सुरक्षित है और हम सब चैन से रहते हैं. लेकिन यह दुखद स्थिति है कि शासन-प्रशासन के लोगों ने परमवीर अल्बर्ट एक्का की जयंती को ही मानो भूला दिया. ऐसे में शाम होने पर राष्ट्रीय युवा शक्ति से जुड़े युवाओं ने न सिर्फ शहीद की प्रतिमा को साफ किया बल्कि माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उत्तम यादव ने कहा कि न सिर्फ शासन प्रशासन बल्कि आम जन को भी भारत माता के वीर सपूतों को सम्मान देने का कोई मौका चूकना नहीं चाहिये.