रांची: एक तरफ जहां शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो हमेशा ही बयान देते रहे हैं कि राज्य के सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर डेवेलोप करेंगे. सभी परेशानियों को वह खुद अपने स्तर पर दूर करेंगे. जगरनाथ महतो कहते हैं जब तक जगरनाथ महतो रहेंगे तब तक स्कूली शिक्षा में समस्याएं नहीं होगी. लेकिन यहां मामला उलट है. इन दिनों झारखंड के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों को मध्याह्न भोजन योजना के लिए राशि तक नहीं मिल रही है.
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अप्रैल महीने में भी उधार के समान से ही मिड डे मील बनाने की तैयारी चल रही है. दुकानदारों, फल सब्जी वालों से भी क्रेडिट पर स्कूल प्रबंधक सामान लेने की तैयारी में है. तो दूसरी और मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारियों और रसोइयों को 5 महीने से वेतन नहीं मिला है. इससे कई परेशानियों का सामना ऐसे कर्मचारियों को करना पड़ रहा है. मामले को लेकर संबंधित शिक्षा पदाधिकारी कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा मंत्री का लगातार ऐसे मामलों पर बयान आ रहे हैं. इसके बावजूद व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है.