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170 करोड़ घोटाला मामले में छापेमारी के बाद कागजात सील, सोमवार को निरंजन कुमार से होगी पूछताछ

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Published : May 29, 2020, 11:30 PM IST

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के दफ्तर में छापेमारी की. निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज करने के अगले ही दिन एसीबी की दो टीमों ने एक साथ अलग-अलग दो ठिकानों पर छापेमारी की.

Documents sealed after raid in 170 crore scam case
170 करोड़ घोटाला मामला में छापेमारी के बाद कागजात सील

रांची: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के दफ्तर में छापेमारी की. निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज करने के अगले ही दिन एसीबी की दो टीमों ने एक साथ अलग-अलग दो ठिकानों पर छापेमारी की. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रांची के डोरंडा स्थित ज्रेडा मुख्यालय और झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के ऑफिस से छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण फाइल और कागजात जब्त किए हैं.

एसीबी ने कई अलमीरा भी सील की है, जिनमें ठेकों के संबंधित कागजात रखे हुए थे. जब्त अलमीरा की रखवाली के लिए एसीबी ने आर्म्स गार्ड की तैनाती भी की है. एसीबी शनिवार को भी दोनों दफ्तरों में कागजात जब्ती की कार्रवाई करेगी. गौरतलब है कि पीई जांच को दो सप्ताह के अंदर पूरा करने का आदेश एसीबी डीजी नीरज सिन्हा ने अफसरों को दिया है. एसीबी सोमवार को 170 करोड़ की अनियमितता के मामले में निरंजन कुमार से पूछताछ करेगी.

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एसीबी के द्वारा निरंजन कुमार को नोटिस देने की कार्रवाई की जा रही है. निरंजन कुमार के खिलाफ अपने वेतन की निकासी अवैध रुप से करने और सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने, सपरिवार विदेश भ्रमण करने, अपनी संपत्ति विवरण में अपनी पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने, निविदा में मनमानी तरीके से किसी कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने और विभिन्न निविदा में बगैर बोर्ड की सहमति के निविदा की शर्तें बदलने का आरोप है.

सीएम के आदेश के बाद कार्रवाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पूरे मामले की जांच एसीबी ने शुरू की है. निरंजन कुमार झारखंड सरकार के अधिकारी नहीं हैं, बल्कि आइपीटीएएफएस के 1990 बैच के अधिकारी हैं. भारत संचार निगम लिमिटेड उनका मूल विभाग है. निरंजन कुमार को एक दिसंबर 2005 को झारखंड सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर बुलाया था. तब वह वित्त विभाग में स्पेशल सेक्रेटरी बनाए गए थे. निरंजन कुमार पर अपने पुराने परिचयों का दुरुपयोग कर जेयूएसएनएल और ज्रेडा का निदेशक बनने, उस पद हेतु कोई भी तकनीकी अहर्ताएं पूरी नहीं करने, 27 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र सरकार और डीओपीटी में अभी तक प्राप्त नहीं होने से संबंधित शिकायत एसीबी को मिली थी.

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