पटना:बिहार के नक्सलियों तक सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए एके-47 राइफल को पहुंचाया गया था. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है. मध्यप्रदेश के जबलपुर के सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो (Jabalpur Central Ordinance Depot) से AK-47 राइफल चोरी के मामले की जांच कर रही एनआईएने कहा है कि पहले 70 रिजेक्टेड एके-47 राइफल के पार्ट्स चोरी किए गए, बाद में सभी को असेंबल कर बिहार के मुंगेर में बेचा गया.
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मुंगेर पुलिस ने बरामद किया था AK-47
मामला 29 जुलाई 2018 को प्रकाश में आया था. मुंगेर के जमालपुर थाने की पुलिस ने मुफस्सिल थाना अंतर्गत जुबली बिल इलाके में मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को पकड़ा था. दोनों के पास से एके-47 राइफल, 30 मैगजीन और अन्य सामान बरामद हुए थे. उन्हें ये हथियार पुरुषोत्तम लाल रजक और उसकी पत्नी ने दिया था. इनकी निशानदेही पर जबलपुर और गोरखपुर की क्राइम ब्रांच ने 4 अगस्त को पुरुषोत्तम रजक, उसकी पत्नी चंद्रवती और बेटा शैलेंद्र को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के वक्त पुरुषोत्तम के पास से बड़ी मात्रा में एके-47 के पार्ट्स बरामद हुए थे. इस मामले में दो एफआईआर बिहार के जमालपुर में 29 जुलाई 2018 और मुफस्सिल थाना में 7 सितंबर 2018 को दर्ज हुआ था. इसमें 26 आरोपी बने हैं. बाद में पांच अक्टूबर 2018 को एनआइए ने इस मामले को टेकओवर कर लिया था.
पुरुषोत्तम ने नक्सलियों तक पहुंचाया एके-47
एनआईए की चार्जशीट में यह खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले पुरुषोत्तम रजक ने बिहार के नक्सलियों तक एके-47 राइफल पहुंचाया था. वह पहले जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हथियार असेंबल करता था. एनआईए के अनुसार 70 रिजेक्टेड एके-47 राइफल के पार्ट्स को चोरी कर असेंबल कर मुंगेर में बेचा गया था. एके-47 राइफल मुंगेर होकर बिहार और झारखंड के बदमाशों और नक्सलियों को बेचा गया.
14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
2 जून 2021 को पटना स्थित विशेष कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में 22 एके 47 राइफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल किया. एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 380, 414, आर्म्स एक्ट 25ए, 25 1ए, 25 1एए, 25 1 एएए, 26 और UAP की धारा 39 के तहत चार्जशीट दाखिल किया है.
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5-8 लाख रुपए थी 1 एके 47 राइफल की कीमत
एनआईए ने यह भी खुलासा किया है कि मुंगेर के तस्करों के माध्यम से नक्सलियों और बदमाशों को 5-8 लाख रुपए में एक एके 47 राइफल बेचा गया. इस मामले में सीओडी के वर्तमान और कुछ पूर्व अधिकारी की मिलीभगत भी सामने आई है. एनआईए द्वारा जांच में बताया गया है कि आरोपी लांस नायक नियाज उल रहमान की 2002 में लखनऊ में पुरुषोत्तम से मुलाकात हुई थी. उसी दौरान तस्कर शमशेर और इमरान से भी परिचय कराया गया था. पहली बार 2002 में पुरुषोत्तम ने जबलपुर ऑर्डिनेंस डिपो से एसएलआर चुराया था. उसने 15 एसएलआर जमालपुर स्टेशन तक पहुंचाया था. 2012 में उसने पहली बार एके 47 राइफल बिहार पहुंचाया था.