रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड के नक्सली संगठनों पर शिकंजा और कस दिया है. एनआईए ने जदयू नेता और पूर्व मंत्री हत्याकांड में फरार चल रहे पतिराम मांझी उर्फ अनल समेत कई अन्य मामलों में फरार माओवादियों पर इनाम घोषित किया है.
टेरर फंडिग केस में फरार पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप, टीपीसी टेरर फंडिंग में फरार संगठन के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू समेत कई नक्सलियो पर जांच एजेंसी ने इनाम की घोषणा की है. एनआईए ने इन नक्सलियों पर एक से दस लाख तक का इनाम घोषित किया है. पूर्व में एनआईए ने सभी नक्सलियों को फरार घोषित किया था. बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्य में सक्रिय नक्सली संगठनों के प्रमुख चेहरों पर एनआईए ने इनाम घोषित किया है.
इन पर एनआईए ने घोषित किया इनाम
राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या में फरार चल रहे पतिराम मांझी उर्फ अनल पर एनआईए ने पांच लाख का इनाम रखा है. भाकपा माओवादी के पतिराम पर राज्य की सरकार ने भी एक करोड़ का इनाम घोषित कर रखा है. पीएलएफआई टेरर फंडिग केस में फरार चल रहे दिनेश गोप पर भी पांच लाख का इनाम रखा गया है. राज्य सरकार ने पूर्व से दिनेश गोप पर 25 लाख का इनाम रखा है. पीएलएफआई टेरर फंडिंग केस में दिनेश गोप की दोनों पत्नियों और बिजनेस पार्टनर की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है. एनआईए ने मगध आम्रपाली कोल परियोजना में फरार चले रहे झारखंड पुलिस के 25 लाख के इनामी ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोक्ता पर पांच लाख, टीपीसी कमांडर आक्रमण पर तीन लाख, गिरिडीह में भाकपा माओवादियों के हथियार की सप्लाई व टेरर फंडिंग के केस में रामदयाल महतो पर तीन लाख, अजय महतो पर तीन लाख, चंचल पर दो लाख, कृष्णा दा पर दो लाख, जबकि सिंगराई सोरेन और शनिचर हेंब्रम पर 50- 50 हजार का इनाम रखा है.
एनआईए ने प्रदेश के नक्सलियों पर घोषित किया इनाम, जानें कौन है सबसे बड़ा इनामी - एनआईए ने प्रदेश के नक्सलियों पर इनाम घोषित किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने झारखंड के कई नक्सली संगठनों के नेताओं पर इनाम घोषित किया है. अलग-अलग केस में एनआईए के राडार पर आए इन उग्रवादियों पर जांच एजेंसी ने दस लाख तक का इनाम घोषित किया है. इनमें सबसे अधिक इनाम भाकपा माओवादी पतिराम पर एजेंसी ने दस लाख रुपये इनाम घोषित किया है.
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ये भी हैं रडार पर
बड़े नक्सली संगठन के कई नेता भी अलग अलग केस में एनआईए की राडार पर हैं. भाकपा माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस, प्रयाग मांझी, टीपीसी के भीखन गंझू, मुकेश गंझू, नागेश्वर गंझू की तलाश एनआईए को है. वहीं एनआईए ने जो ताजा केस दर्ज किए हैं, उससे रवींद्र गंझू का दस्ता भी एनआईए के रडार पर आ गया है. चार पुलिसकर्मियों की हत्या व उसके बाद लातेहार के चंदवा के टेरर फंडिंग के मामले में रवींद्र गंझू का दस्ता एनआईए के निशाने पर है.