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NIA पर आजाद अली को टॉर्चर कर बयान लेने का आरोप, जानिए झारखंड हाई कोर्ट ने क्या कहा - NIA

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए (NIA) पर एक शख्स को बयान देने के लिए टॉर्चर करने का आरोप लगा है. मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है.

NIA accused of torturing person for statement in ranchi
JHARKHAND HIGH COURT: NIA पर शख्स को टॉर्चर कर बयान लेने का आरोप, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

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Published : Jul 22, 2021, 10:59 PM IST

रांची:लातेहार के आजाद अली नाम के शख्स ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए (NIA) पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. जांच अधिकारी के शख्स को बुरी तरह पीटने का संगीन मामला झारखंड हाई कोर्ट में पहुंच गया है. शख्स ने मुआवजे और सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की है.

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सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा?

याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने लातेहार डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी को सिविल सर्जन से आरोपी की जांच करवाकर मामले की जांच रिपोर्ट 4 हफ्तों में पेश करने को कहा है. जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे की सुनवाई की जाएगी. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी (Jharkhand High Court Judge Sanjay Kumar Dwivedi) की अदालत में लातेहार के आजाद अली ने एनआईए पर बुरी तरह टॉर्चर कर जबरन बयान लिए जाने का आरोप लगाया. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की.

झारखंड हाई कोर्ट अधिवक्ता सोनल तिवारी

4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और एनआईए के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि एनआईए ने नोटिस देकर उन्हें कई बार अपने दफ्तर बुलाया. तीसरी बार 12 जुलाई को फिर उन्हें अपने दफ्तर बुलाया. वह कार्यालय गए, 14 जुलाई को फिर बुलाया गया. उस दिन एनआईए के अधिकारी ने उन्हें यह बयान देने के लिए कहा कि सोनू सिंह के कहने पर उसने नक्सली को पैसा पहुंचाया है. यह बयान देने से उन्होंने इंकार कर दिया, जिस पर एनआईए के अधिकारी ने उन्हें लाठी से बुरी तरह से पिटाई कर उन्हें घायल कर दिया.

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आजाद अली ने अदालत से मुआवजे की और सुरक्षा की गुहार लगाई. अदालत ने मामले में लातेहार के डालसा सदस्य सचिव और लातेहार सिविल सर्जन को मामले की जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.

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