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अत्याधुनिक संसाधनों से लैस हुआ रांची सदर अस्पताल, नई लेप्रोस्कोपिक मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन इंस्टॉल

रांची सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) में नई लेप्रोस्कोपिक मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन इंस्टॉल किया गया है. अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होने पर मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज आसान हो जाएगा.

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Published : Jun 4, 2022, 8:28 PM IST

New Laparoscopic Machine and Anesthesia Workstation installed in Ranchi Sadar Hospital
रांची सदर अस्पताल

रांचीः नई लेप्रोस्कोपिक मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन (Anesthesia Workstation installed) रांची सदर अस्पताल में लगाया गया है. शनिवार को आज मशीन से दो मरीजों का सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी की गयी. सदर अस्पताल को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस हॉस्पिटल बनाने की कवायद में ये पहल की गयी है. जिससे अब गरीब मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज कराना आसान हो जाएगा.

रांची सदर अस्पताल को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस हॉस्पिटल बनाने की कवायद इन दिनों तेज हुई है. इसी क्रम में सदर अस्पताल में नई लेप्रोस्कोपी मशीन (New Laparoscopic Machine) और एनेस्थीसिया मशीन की शुरुआत पूरे विधि विधान से सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार, उपाधीक्षक डॉ. एके खेतान, डॉ. सब्यसाची मंडल, लेप्रोस्कोपिक एवं मिनिमली इनवेसिव सर्जन डॉ. अजीत कुमार, डॉ. आरके सिंह, डॉ. एके झा, निश्चेतना विभाग के डॉ. दीपक कुमार एवं डॉ. नीरज कुमार की उपस्थिति में हुआ. इस मशीन से दो मरीजों का सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी की गयी.


लेप्रोस्कोपिक मशीन और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन इंस्टॉल होने से सदर अस्पताल ने पूर्णतः अपने संसाधनों (चिकित्सक, चिकित्साकर्मी एवं मशीन) से शनिवार को दो बड़े ऑपरेशन किए गए. इसमें किसी प्रकार का आउटसोर्स नहीं किया गया. पहली मरीज को पित्त की थैली में पत्थर था और साथ ही साथ दाहिने साइड के ovary में बड़ा सा सिस्ट (गोला) भी था. मरीज एचईसी सेक्टर 2 की रहने वाली है वो पेट दर्द से काफी दिनों से परेशान थी. आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण वो निजी अस्पताल नहीं जा पाई. उसका अल्ट्रासाउंड एवं MRI भी कराया गया आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कर पूरी तरह फ्री इलाज किया गया. सर्जन डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज बिल्कुल स्वस्थ है और एक-दो दिनों में उसे छुट्टी भी दे दी जाएगी.


दूसरा ऑपरेशन बरियातू में प्राइवेट नौकरी करने वाली एक 22 साल की मरीज का हुआ. सीटी स्कैन रिपोर्ट में एक बड़ा सा गोला पेट में दिखाई दिया था जो यूरिन ग्रंथी, बच्चादानी एवं आंत को दाब रहा था. जब लेप्रोस्कोपी विधि के द्वारा अंदर देखा गया तो पता चला वह एक बहुत बड़ा पारा ओवेरियन सिस्ट था, जिसके कारण मरीज का पेट फूला हुआ लग रहा था और उसे भूख भी नहीं लगती थी और बार बार यूरिन के लिए जाना पड़ता था और उसे पेट में अत्याधिक दर्द होता था. जिसे हम लोगों ने काट कर निकाल दिया और बायोप्सी जांच के लिए भेजा है. वह भी मरीज ऑपरेशन के बाद ठीक है और जल्द ही उसकी भी छुट्टी कर दी जाएगी क्योंकि दूरबीन विधि से ऑपरेशन में ज्यादा दिन भर्ती रहने की जरूरत नहीं होती. इस ऑपरेशन में लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर अजीत कुमार, निश्चेतक डॉक्टर दीपक और ओटी असिस्टेंट नंदिनी प्रणव एवं नीरज का सहयोग रहा.

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