रांची:नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि उच्च, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं. जानकारों के मुताबिक, इस नीति में संविदा में नियुक्त किए गए प्रोफेसरों के लिए भी बेहतरीन योजना है. इन प्रोफेसरों का वेतनमान बढ़ाया जाएगा और इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर शिक्षा विभाग बड़े पैमाने पर तैयारी भी कर रही है. वहीं, राज्य के विश्वविद्यालय प्रबंधकों ने भी केंद्र के ऐसे फैसलों को स्वागत योग्य बताया है. आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय गाइडलाइन के मुताबिक कई बदलाव देखने को मिलेंगे.
संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों को बड़ी राहत
न सिर्फ छात्र बल्कि संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों को भी केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देने की घोषणा की है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संविदा पर काम कर रहे शिक्षकों को अब तक अधिकतम 36 हजार रुपए का जो वेतनमान मिलता है. उसे 50 हजार रुपए करने का प्रावधान है. राज्य के अधिकतर विश्वविद्यालयों में संविदा के आधार पर सैकड़ों असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्त किया गया है. ये सभी प्रोफेसर नियमित प्रोफेसरों के तर्ज पर ही काम करते हैं. इन शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने से इन्हें प्रति घंटा 600 रुपए पढ़ाने के लिए मिलता है. इसी के तहत प्रतिमाह इन शिक्षकों का अधिकतम वेतनमान 36 हजार बनता है, लेकिन अब इन शिक्षकों का मानदेय 50 हजार रुपए किया जाएगा. इस योजना को लेकर नई शिक्षा नीति में स्पष्ट किया गया है.
राज्य सरकार की ओर से नहीं आई है प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार के इस घोषणा के बाद फिलहाल राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन संविदा के आधार पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर ने खुशी जाहिर की है. हालांकि, अभी भी नई शिक्षा नीति का धरातल पर आने में वक्त है, लेकिन पूरी तरह इस नीति के तहत अगर योजनाओं को धरातल पर उतारा गया तो आने वाले समय में शिक्षा जगत के लिए नई शिक्षा नीति एक बेहतर फैसला साबित होगा.