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राज्य के 81 बैंकों में रखे 600 करोड़ रुपये की सुरक्षा में कोताही, नहीं काम कर रहे हॉटलाइन सिस्टम

सीआईडी मुख्यालय में बैंक अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता सीआईडी एडीजी अनुराग गुप्ता ने की.

Negligence in security of Rs 600 crores kept in 81 banks of the state
सीआईडी, झारखंड

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Published : Jan 30, 2020, 3:51 AM IST


रांची: राज्य के 81 बैंकों के चेस्ट में रखे 600 करोड़ रुपयों की सुरक्षा में कोताही बरती जा रही है. बैंक के चेस्टों में रखें इन पैसों की असुरक्षा का मामला बुधवार को सीआईडी मुख्यालय में बैंक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उठा. सीआईडी मुख्यालय में बैंक अधिकारियों की बैठक हुई.

बैठक की अध्यक्षता सीआईडी एडीजी अनुराग गुप्ता ने की. बैंक अधिकारियों ने सीआईडी के अधिकारियों को जानकारी दी कि बैंकों के चेस्ट की हॉटलाइन की कनेक्टिविटी इलाके के थानों से नहीं है. ऐसे में चेस्ट के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या वारदात की स्थिति में स्थानीय पुलिस को हॉटलाइन के जरिए सूचना नहीं मिल पाएगी.

बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता सीआईडी एडीजी अनुराग गुप्ता ने की. बैठक में सेवी के डीजीएम एनआर मिंज, आरबीआई के जीएम अमरेंद्र गुप्ता, एसबीआई के एजीएम राजेश कुमार, पीएनबी के मैनेजर सिक्योरिटी दीपक राम समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

बैंकों में रखे आर्म्स का लाइसेंस नहीं हो रहा रिन्यू
राज्य के बैंकों में पास भी आर्म्स हैं. बैंक अधिकारियों ने सीआईडी के अधिकारियों पास शिकायत रखी कि बैंक में रखे आर्म्स के लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहे हैं. ऐसे में बैंक के तरफ से रखे गए गार्ड् को आर्म्स नहीं दिया जा रहा है. बैंक अधिकारियों की शिकायत थी कि कई बार वित्तिय गड़बड़ी से जुड़े केस में पुलिस एफआईआर भी दर्ज नहीं करती.

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
- पुलिस के द्वारा बैंकों में कई बार अनाधिकृत राशि जमा किए जाने का मामला सामने आता है. पुलिस को ऐसी जानकारी उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर(एसओपी) बनाया जाएगा.
- सभी डीसी और एसपी से रिपोर्ट मांगी जाएगी कि उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत कहां कहां वित्तिय संस्थाए हैं.

- आर्थिक अपराध शाखा के साथ एटीएस का इस्तेमाल हो साथ ही बैंक सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष तौर पर झारखंड ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षित किया जाए.
- अवैध तरीके से कई संस्थाओं के द्वारा पैसे जमा कर ठगी की जाती है. ऐसी ठगी रोकने के लिए पंचायत प्रतिनिधि, मुखिया, वार्ड कमीश्नर के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
- झारखंड पुलिस के ऑनलाइन शिकायत सिस्टम को दुरूस्त करना.

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