रांचीः नशे के कारोबारी पंजाब में युवाओं की नसों में बड़े पैमाने पर नशा घोल रहे हैं. इसको लेकर बीते सालों उड़ता पंजाब नाम की फिल्म भी बनी थी. इसी तर्ज पर पंजाब के नशे के सौदागरों की मिलीभगत से नक्सली यहां भी युवाओं को निशाना बना रहे हैं. यानी यहां उड़ता झारखंड की पटकथा तैयार कर रहे हैं. झारखंड में अफीम की खेती कराकर नक्सली आर्थिक संसाधन जुटा रहे हैं. यह कारोबार उनके अर्थ तंत्र को मजबूत करने में सबसे ज्यादा सहायक सिद्ध हुआ है.
पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्करों के साथ साठगांठ कर ही उग्रवादी यहां अफीम की खेती कराते हैं. ताकि उग्रवादी संगठन अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटा सकें. इस पर प्रहार के लिए अब पुलिस ने इसको टारगेट पर ले लिया है. सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार, इसको लेकर साल 2021 के मई महीने तक झारखंड के अलग-अलग जिलों में पुलिस ने 2000 एकड़ में अफीम की फसल नष्ट की है.
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क्या है आंकड़ा
सीआईडी से मिली जानकारी के मुताबिक, अफीम के धंधे के साथ-साथ नशे के दूसरे कारोबार पर भी बीते सालों की तुलना में इस वर्ष पुलिस ने शिकंजा कसा है. झारखंड सीआईडी के आंकड़ों के अनुसार इस साल मई महीने तक पुलिस ने राज्यभर में 2006.60 एकड़ जमीन से अफीम की फसल नष्ट की है, जबकि साल 2020 में पुलिस ने पूरे साल में 1838.72 एकड़ से अफीम की फसल नष्ट की थी.
नौ जिलों में अफीम की खेती, सबसे ज्यादा खूंटी में
सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष झारखंड के खूंटी जिले में सर्वाधिक 951.89 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई, जबकि खूंटी पुलिस ने वहां कुल 21 केस दर्ज कर 25 लोगों को जेल भेजा गया है. वहीं चतरा में अफीम की खेती से जुड़े सर्वाधिक 41 केस दर्ज हुए, वहां पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं 829.50 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई. लातेहार में 76.90 एकड़ भूमि से खेती नष्ट की गई, यहां कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.