रांची: झारखंड में भाकपा माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलताओं को लेकर पुलिस उत्साहित है. राज्य के बड़े ईनामी उग्रवादियों के साथ-साथ कोयला व अफीम के जरिए अपने अर्थतंत्र को मजबूत करने वाले उग्रवादियों को टारगेट कर झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) जिलावार अभियान (Naxal Operation) चलाएगी. राज्य में वर्तमान 142 इनामी उग्रवादी है. इन इनामी उग्रवादियों में तीन भाकपा माओवादी उग्रवादियों पर एक करोड़ का इनाम है. पहले यह संख्या चार थी लेकिन प्रशांत बोस (Prashant Bose) के गिरफ्तार होने के बाद यह संख्या अब तीन हो गई है. राज्य पुलिस के द्वारा बड़े इनामी उग्रवादियों पर शिकंजा कसने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. वहीं कुछ बड़े उग्रवादी पुलिस के संपर्क में भी हैं.
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वर्तमान में राज्य में दो पोलित ब्यूरो व दो सेंट्रल कमेटी मेंबर
राज्य में वर्तमान में दो भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो मेंबर व तीन सेंट्रल कमेटी मेंबर हैं. प्रशांत बोस उर्फ किशन दास उर्फ मनीष व मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर पोलित ब्यूरो मेंबर हैं. दोनों पर एक करोड़ का इनाम है. प्रशांत अब पुलिस के कब्जे में है. वहीं असीम मंडल, पतिराम मांझी व मिथलेश महतो सेंटल कमेटी मेंबर के तौर पर राज्य में सक्रिय हैं. राज्य पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी सेंट्रल व पोलित ब्यूरो मेंबर के बारे में पूरी जानकारी जमा की गई है. मसलन ये कब कब जेल गए, जेल जाने के बाद उनका जमानतदार कौन बना, परिवार के लोगों की संपत्ति समेत सभी पहलूओं पर जानकारी जुटायी जा रही है. वहीं माओवादियों के प्रोटेक्शन दस्ता में कौन कौन है, मूवमेंट की क्या स्थित है, इन पहलूओं पर भी पुलिसिया जानकारी जूटायी जा रही है.
पांच राज्यों की बैठक के दौरान भी बनी है रणनीति
बीते दिनों झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छतीसगढ़ पुलिस के डीजीपी व नक्सल अभियान से जुड़े अधिकारियों की बैठक हुई थी. इस्टर्न कमांड की बैठक में राज्यों ने एक दूसरे के राज्यों में सक्रिय उग्रवादियों के बारे में जानकारी दी थी. पश्चिम बंगाल, बिहार और छतीसगढ़ के वैसे उग्रवादियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी, जो झारखंड में सक्रिय है. बैठक के बाद संबंधित राज्य की पुलिस से अलग से पत्राचार भी किया गया है. ताकि पुलिस बाहर के सक्रिय उग्रवादियों पर कार्रवाई कर सके.
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