झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड में फर्जी डॉक्टरों की प्रौक्टिस बंद करवाने का दिया निर्देश, कहा गिरफ्तार कर भेजें जेल - Ranchi news

झारखंड दौरे पर आए National Human Rights Commission के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य में फर्जी डॉक्टरों की प्रौक्टिस बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आदेश दिया गया है कि फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेजना सुनिश्चित करें.

national-human-rights-commission-directs-action-against-fake-doctors-in-jharkhand
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड में फर्जी डॉक्टरों की प्रौक्टिस बंद करवाने का दिया निर्देश

By

Published : Aug 16, 2022, 10:07 PM IST

रांचीःराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा (Justice Arun Kumar Mishra) के नेतृत्व में टीम झारखंड पहुंची है. इस टीम ने मंगलवार को धुर्वा स्थित ज्यूडिशियल एकेडमी में केसों की सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद संवाददाता सम्मेलन में आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य में झोलाछाप फर्जी डॉक्टरों की प्रौक्टिस पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने झारखंड सरकार को निर्देश दिया कि फर्जी डॉक्टरों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें.

यह भी पढ़ेंःराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने खूंटी उपकारा का किया निरीक्षण, कैदियों का हाल जाना

जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य में मानवाधिकार का पालन हो रहा है. लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन के भी बड़े पैमाने पर मामले आ रहे हैं, जिसकी रोकथाम की आवश्यकता है. इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि आज की सुनवाई के दौरान झारखंड के विभिन्न जिलों के 15 से 20 केसों की सुनवाई की गई, जिसमें आयोग ने 48 लाख 8 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.


माइनिंग क्षेत्र में भी हो रहा है मानवाधिकार उल्लंघनः सुनवाई के दौरान झारखंड से बड़े पैमाने पर माइनिंग क्षेत्र से जुड़े केस आने की बात कहते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि यह गंभीर मसला है. इसकी रोकथाम को लेकर कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस प्रताड़ना के भी केस हैं. उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि लोग जागरूक हो रहे हैं. लेकिन अब भी अपने अधिकार के प्रति सजग होना पड़ेगा. राज्य में फर्जी डॉक्टरों की संख्या के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आकलन करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. कोई डॉक्टर बिना सर्टिफिकेट के प्रैक्टिस कर रहे हैं तो उनपर कार्रवाई सरकार करे. फर्जी डॉक्टरों पर एफआईआर और गिरफ्तार कर जेल भी भेज सकती है. उन्होंने कहा कि आज की सुनवाई के दौरान दो केस ऐसे फर्जी डॉक्टरों के आये हैं, जिसकी सुनवाई के बाद आयोग ने यह ऑबजर्वेशन किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details