नई दिल्ली: इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में हुई, जिसकी अध्यक्षता इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के पूर्व श्रममंत्री केएन त्रिपाठी ने की. बैठक में भारत यात्रा का प्रस्ताव पारित किया गया है.
केएन त्रिपाठी ने कहा कि इंटक मौजूदा मजदूर विरोधी कानूनों को लेकर पूरे देश में रथ यात्रा निकालेगी, कई ऐसे मसले हैं जिनपर सरकार को बदलाव करने पड़ेंगे, तीनों कृषि कानून और तीनों श्रम कानून मजदूर विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 47 श्रम कानूनों को हटाकर 4 लेबर कोड़ लाया है, उसमें मजदूरों के हित की बात को हटा दिया गया है, जिसके चलते देश में उद्योगपति, व्यवसायी और अन्य लोग मजदूरों के साथ तानाशाही रवैया अपनाने लगेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार असंगठित मजदूरों का डायरेक्ट रिकॉर्ड रखे और 60 साल से ऊपर उम्र वालों के खाते में 5000 प्रति महीना पेंशन दें, क्योंकि जो 60 साल से ऊपर हैं, जो विकलांग हैं, विधवा या जो वृद्ध कृषक मजदूर हैं वे अपने जीविकोपार्जन में अक्षम हैं. केएन त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे कई कानून हैं, जहां सरकार ने मजदूरों के अधिकारों को हटा दिया है, अतः सरकार से मांग है कि पार्लियामेंट में उसमें संशोधन करके उन चीजों को समाहित करें, यदि सरकार यह नहीं करती है और 1 अप्रैल 2021 से इसे लागू करती है तो उसके बाद हम देशव्यापी आंदोलन करेंगे.