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7 हजार रुपए में बिकने वाली थीं 2 युवतियां, 'नन्हे फरिश्ते' टीम ने तस्करों के चंगुल से कराया मुक्त

रांची में आरपीएफ की नन्हे फरिश्ते की टीम ने एक बार फिर तस्करों के चंगुल से एक महिला को मुक्त कराया है. नन्हे फरिश्ते की टीम ने रांची रेलवे स्टेशन पर एक लातेहार की रहने वाली किशोरी और एक ओडिशा की रहने वाली महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है.

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Published : Dec 25, 2020, 9:31 PM IST

Human traffic case in ranchi
नन्हे फरिश्ते' टीम ने तस्करों के चंगुल से कराया मुक्त

रांची:देश भर में युवतियों और बच्चों की तस्करी के लिए झारखंड हब बन गया है. आरपीएफ रांची डिवीजन के ‘नन्हे फरिश्ते’ टीम ने शुक्रवार को एक फिर रांची रेलवे स्टेशन पर 2 लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल में फंसने से बचाने का काम किया है. दोनों को मांडर के एक गांव की रहने वाली सुनीता उरांव बहला-फुसलाकर ले जा रही थी.

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क्या है मामला

आरपीएफ को पूछताछ के दौरान पता चला कि इस महिला को तस्करों की ओर से प्रति महिला या किशोरी 7,000 रुपये दिए जाते थे. इस मामले को लेकर आरपीएफ कंट्रोल रूम को एक सूचना मिली थी. कहा गया था कि एक महिला को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाया जा रहा है. राजधानी एक्सप्रेस से ले जाने की योजना थी. इन दोनों को दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से ले जाने की योजना बनाई गई थी. लेकिन ऐन मौके पर रांची रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के नन्हे फरिश्ते की टीम ने तस्कर के साथ मिली महिला को पकड़ लिया और एक महिला और किशोरी को मुक्त कराया गया. इन दोनों महिलाओं को काम दिलाने के बहाने दिल्ली ले जाया जा रहा था. वहीं पटना- रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से उतारी की एक 16 वर्षीय लड़की को नन्हे फरिश्ते की टीम ने चाइल्डलाइन के हवाले किया है.

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