रांची:सूबे में कोरोना संकट के कारण उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रशासनिक कामकाज में फेरबदल करना पर पड़ रहा है. कोरोना संकटकाल में शिक्षा जगत पर भी व्यापक असर पड़ा है. कई परीक्षाएं स्थगित और रद्द हो गईं हैं तो वहीं, कई महत्वपूर्ण काम भी अब अटक गए हैं. वर्तमान कोरोना संकट के कारण विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों का नैक का मूल्यांकन इस वर्ष टल गया है.
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NAAC मूल्यांकन पर लगा कोरोना का ग्रहण, तमाम विश्वविद्यालयों में टला मूल्यांकन - ranchi news
कोरोना के बढ़ते असर ने शिक्षा जगत पर भी कोई कसर नहीं छोड़ी है. कई परीक्षाएं स्थगित और रद्द कर दी गईं हैं. वहीं, कोरोना संकट के कारण विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों का NAAC का मूल्यांकन इस वर्ष टाल दिया गया है.
![NAAC मूल्यांकन पर लगा कोरोना का ग्रहण, तमाम विश्वविद्यालयों में टला मूल्यांकन NAAC evaluation halted due to Corona in ranchi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-11488406-917-11488406-1619011593739.jpg)
रांची विश्वविद्यालय और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का भी नैक मूल्यांकन होना है. यूजीसी की ओर से गाइडलाइन जारी कर कहा गया था कि जल्द ही इन दोनों विश्वविद्यालयों का नैक मूल्यांकन करा लिया जाएगा लेकिन कोरोना के अचानक बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल सारी गतिविधियों पर अब रोक लगा दी गई है. नैक मूल्यांकन पर भी कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है.
कई कॉलेजों में अप्रैल में होना था
बिरसा कॉलेज खूंटी में पहली बार नैक मूल्यांकन को लेकर तैयारियां की गईं थी. अप्रैल में ही नैक टीम खूंटी बिरसा कॉलेज आने वाली थी लेकिन फिलहाल इस कॉलेज में भी नैक मूल्यांकन नहीं हो पाएगा. दूसरी ओर संत पॉल कॉलेज में भी नैक का मूल्यांकन दिसंबर तक टाल दिया गया है.
इन कॉलेजों को मिल चुकी है नैक की ग्रेडिंग
मारवाड़ी कॉलेज, गोसनर कॉलेज, संजय गांधी मेमोरियल कॉलेज का हाल ही में मूल्यांकन हुआ है. यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को 2022 तक मूल्यांकन अनिवार्य रूप से कराने को कहा है. 2021 में विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों में मूल्यांकन होना था लेकिन फिलहाल नैक की ओर से तमाम गतिविधियां फिलहाल स्थगित कर दी गईं हैं.
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