झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड में 20 अगस्त को होगी मुहर्रम की छुट्टी, आखिर क्यों बदल गई तारीख, पढ़ें रिपोर्ट - Muharram on Friday

झारखंड में 19 अगस्त के बदले 20 अगस्त को मुहर्रम की छुट्टी होगी. इसको लेकर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना में कहा गया है कि चांद एक दिन विलंब से दिख रहा है, जिससे छुट्टी की तिथि बढ़ा दी गई है.

muharram-holiday-on-august-20-in-jharkhand
झारखंड में 20 अगस्त को होगी मोहर्रम की छुट्टी

By

Published : Aug 17, 2021, 10:47 AM IST

रांचीः झारखंड में अब 20 अगस्त को मुहर्रम मनाया जाएगा. दिसंबर 2020 की अधिसूचना के मुताबिक एनआईए एक्ट के तहत 19 अगस्त को मुहर्रम की छुट्टी घोषित की गई थी, लेकिन इस साल चांद एक दिन देर से दिखेगा. इससे मुहर्रम की छुट्टी की तिथि भी बदल दी गई है. अब झारखंड में 20 अगस्त यानी शुक्रवार को मुहर्रम की छुट्टी रहेगी. इसको लेकर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. मुहर्रम की छुट्टी की तारीख बदलने से राज्य सरकार के कर्मियों को लगातार तीन दिन की छुट्टी मिल जाएगी.

यह भी पढ़ेंः3 सितंबर से शुरू होगा झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र, जानिये किस दिन क्या होगा

क्या है मुहर्रम

इस्लाम धर्म में मुहर्रम मातम का दिन है. इमाम हुसैन, पैगंबर मोहम्मद के नाती थे, जो कर्बला की जंग में शहीद हुए थे. पैगंबर साहब की वफात के बाद चार खलीफा चुने गए थे. इसके लगभग 50 साल बाद इस्लामी दुनिया में घोर अत्याचार का दौर आया और मक्का से दूर सीरिया के गर्वनर यजीद ने खुद को खलीफा घोषित किया. खलीफा के काम करने का तरीका बादशाहों जैसा था, जो उस समय इस्लाम के बिल्कुल खिलाफ था. इमाम हुसैन ने यजीद को खलीफा मानने से इंकार कर दिया. इमाम हुसैन जब अपने परिवार के साथ इराक के कर्बला में थे, तब यजीद अपनी सेना के साथ आ धमका. इस दौरान इमाम हुसैन की ओर से यजीद की सेना को सही रास्ते पर लाने को लेकर समझाया गया, लेकिन यजीद की सेना नहीं मानी. इसके बाद अगले दिन इमाम हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. मुहर्रम की 10 तारीख को हजरत इमाम हुसैन और उनके अनुयायी की शहादत की याद में शिया समुदाय के लोग खुद को तकलीफ देकर उन्हें याद करते हैं. इस दिन शिया समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं और अपने शरीर को खुद लहूलुहान करते हैं. हालांकि, इस वर्ष कोरोना प्रोटोकॉल लागू होने की वजह से जुलूस निकालने पर पाबंदी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details