नई दिल्ली: देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा (Deoghar airport security) के मामले में मुकदमा दर्ज होने पर झारखंड के मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि दुमका पेट्रोल कांड की पीड़िता के परिजनों की मदद करने से नाराज हेमंत सोरेन ने उनके, स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज (FIR against BJP MPs) करवाया है, लेकिन इस मुकदमे की वजह से दुमका की बेटी को इंसाफ दिलाने की उनकी लड़ाई बंद नहीं होगी.
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देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा को खतरे में डालने के देवघर के डीसी के आरोप को पूरी तरह से खारिज करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि वहां के स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे देवघर एयरपोर्ट के चेयरमैन हैं और वह स्वयं नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के सदस्य है और उन्होंने किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है.
उन्होंने आगे कहा कि देवघर एयरपोर्ट की नाइट लैंडिंग का मामला कोर्ट में चल रहा है. झारखंड सरकार ने इस संबंध में कोर्ट में एक हलफनामा दिया है जो गलत है और इस संबंध में देवघर एयरपोर्ट के चेयरमैन होने के नाते निशिकांत दुबे एयरपोर्ट मैनेजर से जानकारी लेने के लिए कुछ देर रुके थे.
देवघर के डीसी पर कानून एवं नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि रिस्ट्रिक्टेड एरिया में जाकर सीसीटीवी फुटेज कैसे निकाला जा सकता है, इस मामले में 14 साल की सजा का प्रावधान है. उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाने की बात कहते हुए कहा कि इस पूरे मसले पर निशिकांत दुबे विस्तार से जानकारी दे चुके हैं.
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वहीं, इस मसले पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस मसले पर तकनीकी पक्ष की जानकारी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर और बयान देकर दी है. इसके साथ ही उन्होंने भी राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड में सरकार नदारद है और दुमका की बेटी के साथ जिस प्रकार का जघन्य अपराध हुआ है, उस पर कार्रवाई करने की बजाय उसके घर जाकर उनके परिजनों को सांत्वना देने वाले और मदद करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर कर उन्हें प्रताड़ित करना उचित नहीं है.