झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

इंवेस्टर्स मीट को मिला शानदार रिस्पॉन्स, दस हजार करोड़ के निवेश की जगी आस, सीएम ने कहा - गर्व का दिन

नई दिल्ली में शुक्रवार को इन्वेस्टर मीट में उद्योग विभाग के साथ कई कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में हजारों करोड़ रुपये निवेश करने का एमओयू किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे.

investor Meet
investor Meet

By

Published : Aug 28, 2021, 3:30 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 5:59 PM IST

नई दिल्ली/रांची: झारखंड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कोशिश अब असर दिखाने लगी है. दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय इंवेस्टर्स मीट के दौरान कई औद्योगिक घरानों ने झारखंड में निवेश की इच्छा जतायी है. उम्मीद जतायी जा रही है आनेवाले दिनों में झारखण्ड में 10,000 करोड़ के निवेश के साथ करीब 1.5 लाख रोज़गार सृजन का मार्ग प्रशस्त होगा.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि उद्योग को लेकर आपके कई सुझाव हमें मिले हैं. इसी का नतीजा है कि आज अपग्रेडेड इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार हुई है. हमारे लिए यह गर्व की बात है कि आप लोगों ने झारखण्ड में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है. उद्योगपतियों को बताया गया कि अगर वे अपने उद्योग के कुल मानव बल में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 35 % हुनरमंद लोगों रोजगार देंगे तो राज्य सरकार नीति के तहत दिए जा रहे प्रोत्साहन और प्रावधानों के अतिरिक्त निवेशकों को लाभ देगी.

टाटा स्टील ने अगले तीन वर्ष में तीन हजार करोड़, डालमिया भारत ग्रुप ने 758 करोड़, आधुनिक पावर ने 1900 करोड़ और सेल ने गुवा माइंस में अगले तीन वर्ष में चार हजार करोड़ और प्रेम रबर वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने 50 करोड़ के निवेश की बात कही है. इस मौके पर मुख्यमंत्री के समक्ष उद्योग सचिव और कंपनियों के प्रतिनिधियों ने करीब 10, 000 करोड़ निवेश के एमओयू पर हस्ताक्षर भी किया.

ये भी पढ़ें-इन्वेस्टर समिट: टाटा, डालमिया समेत कई कंपनियां झारखंड में करेंगी अरबों का निवेश, डेढ़ लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में भी संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा हमारे पास जो खनिज संपदा का भंडार है, उसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है. दूसरी तरफ राज्य में पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में भी असीम संभावनाएं हैं. प्रसिद्ध नेतरहाट स्कूल हमारे राज्य में ही है। जिसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने देश को सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिया है. इसके अतिरिक्त इजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में भी झारखण्ड अच्छा कर रहा है.झारखण्ड शिक्षण और तकनीकी संस्थानों को भी बढ़ावा देगा.

मुख्य सचिव ने निवेशकों को दिलाया भरोसा

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि मैं हेड ऑफ ब्यूरोक्रेसी के नाते निवेशकों को आश्वस्त करता हूं कि राज्य की कार्यपालिका तक आपकी पहुंच आसानी से होगी. यहां प्रोएक्टिव अप्रोच से काम करनेवाले अधिकारी हैं, जो समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से काम करते हैं. नीति के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या का सामना निवेशकों को नहीं करना पड़ेगा. यही वजह है कि आज 2021 में प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने टॉप ब्यूरोक्रेट के साथ निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए लंबी दूरी तय कर दिल्ली पहुंचे हैं. यह एक बड़ा बदलाव है. ऐसा संभव हुआ है, क्योंकि लोगों को यह बात समझ में आ रही है कि किसी देश और राज्य के विकास की दास्तां तकनीक के विकास, रोजगार के सृजन से ही संभव है.


ये भी पढ़ें-इन्वेस्टर समिट पर राजनीति, अपनी कमियों के बजाय दूसरों की गलती ज्यादा ढूंढ रहे राजनेता

उद्योगपति के साथ एमओयू करतीं उद्योग सचिव

राज्य में 10 हजार करोड़ के निवेश का एमओयू

  • स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) 3 वर्षों में राज्य में 4000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इस दौरान गुआ माइंस और एक पैलेट पलांट का निर्माण करेगा.
  • टाटा स्टील अगले 3 साल में झारखंड में 3000 करोड़ रुपये कोयला एवं लौह अयस्क के खदान और स्टील उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करेगा.
  • डालमिया भारत ग्रुप द्वारा 758 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. यह निवेश एक नई सीमेंट यूनिट, एक सोलर पॉवर पलांट और एक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में पीपीपी मोड में होगा.
  • आधुनिक पॉवर एंड नेचुरल रिर्सोसेज झारखंड में 1900 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.
  • प्रेम रबर वर्कस लेदर पार्क और फुटवियर में 50 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे 1000 स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.

सिंगल विंडो क्लियरेंस पॉलिसी तैयार हैः उद्योग सचिव

उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि झारखंड सरकार ने निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस पॉलिसी तैयार कर ली है. उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार के पास 1000 एकड़ जमीन का लैंड बैंक है. उन्होंने निवेशकों को झारखंड में क्यों निवेश करें से संबंधित विभिन्न आयामों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला. जेआईआईपी, इथनॉल पॉलिसी, रोड कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक वेकिल पॉलिसी, आदित्यपुर क्लस्टर के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया. उन्होंने कहा कि झारखंड को सोलर पार्क, ऑटो हब, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण का हब बनाने के लिए सरकार सभी निवेशकों को आमंत्रित कर रही है.

इस मौके पर विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एल. खिंग्याते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, रेसिडेंशियल आयुक्त मस्तराम मीणा, सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, निदेशक उद्योग जितेंद्र कुमार सिंह के साथ उद्योगपति और उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

Last Updated : Aug 28, 2021, 5:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details