नई दिल्ली: केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने कहा कि हमारे मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थान TRIFED ने झारखंड की कंपनी पूर्ति एग्रोटेक और बिगबास्केट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे आदिवासी समाज का सशक्तिकरण होगा और उनको मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद मिलेगी.
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अर्जुन मुंडा ने कहा कि मोती की खेती में जनजातीय समुदाय के उद्यमिता विकास के लिए पूर्ति एग्रोटेक के साथ एमओयू किया गया है. आदिवासी समाज के युवाओं को इससे आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बिगबास्केट एक E किराना प्लेटफार्म है जो आदिवासियों के उत्पादों की बिक्री के साथ-साथ उनके प्रचार प्रसार का भी काम करेगा. बिगबास्केट पर आदिवासी द्वारा बनाए गए उत्पाद बिकेंगे. उनकी होम डिलीवरी भी हो पाएगी.
जानकारी देते अर्जुन मुंडा जनजातीय समुदाय के विकास की गति को दी जाएगी तेजी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमलोगों का लक्ष्य है कि आदिवासी उत्पादों को बड़ा बाजार मिले, उत्पादों का उचित मूल्य मिले, आदिवासियों की आय में वृद्धि हो. जनजातीय समुदाय के विकास की गति को तेजी से आगे बढ़ाना है. उसी को ध्यान में रखकर MoU पर हस्ताक्षर हुए हैं. उन्होंने कहा कि TRIFED और आदिवासी कल्याण मंत्रालय आदिवासी उत्पादों की दुनिया और देश में पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश सहित पूरी दुनिया में आदिवासियों की कला, कारीगरी और विशिष्टता कायम हो.
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इन राज्यों के सामानों की बिगबास्केट से ऑनलाइन बिक्री
हतकरघा से बुने कपड़े, जनजातीय आभूषण जैसे डोकरा, बंजारा, बर्तन. नेचुरल कलेक्शन में तेलंगाना की कॉफी, उत्तराखंड के साबुन, कर्नाटक के मसाले, लाल, काला चावल, मणिपुर की काली हल्दी. साड़ियां की बात करें तो पश्चिम बंगाल की कांथा, ओडिशा की बोमकाई, मध्यप्रदेश की माहेश्वरी और बंगाल की लेनिन साड़ियों की ऑनलाइन माध्यम से काफी बिक्रि हो रही है. बिगबास्केट में भी है यह उपलब्ध रहेंगे. खाद्य सामग्रियां, इम्युनिटी बूस्टर प्रोडक्ट्स उपलब्ध रहेंगे