रांची:अबुआ आवास योजना हेमंत सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक राज्य के 8 लाख बेघर लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराया जाना है. राज्य सरकार ने अपने खर्च पर घर बनाने का फैसला किया है और इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इन घरों के निर्माण के लिए हाल ही में सरकार को जो आवेदन मिले हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं. आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान राज्य भर में लगभग 30 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें अकेले पलामू से सबसे अधिक 2 लाख 15 हजार 272 लोगों ने स्थायी आवास की इच्छा व्यक्त की है.
आवेदनों की इस संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 2 लाख पक्के मकान बनाये जाने हैं, इसी तरह अबुआ आवास योजना के माध्यम से 2024-25 में 2.5 लाख और 2025-26 में 3.50 लाख पक्के मकान बनाये जाने हैं. सरकार के पास पहले से ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब 8 लाख आवेदन हैं जो पूरे नहीं हुए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि 30 लाख आवेदनों की भरपाई कैसे होगी.
अबूआ आवास पर सियासत:अबूआ आवास को लेकर सियासत जारी है. विपक्ष लगातार सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष पर पलटवार करते हुए सभी को पक्का आवास देने की बात कर रहा है. पूर्व स्पीकर और रांची से बीजेपी विधायक सीपी सिंह का कहना है कि सरकार की मंशा आवास देने की नहीं है, बल्कि लोगों से आवेदन लेकर दिवास्वप्न दिखाने की कोशिश की जा रही है. अब तक 30 लाख आवेदन आ चुके हैं. सरकार ने 8 लाख पक्के मकान देने की घोषणा की है, जिसमें से अभी तक एक भी मकान नहीं मिला है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों का क्या होगा यह बड़ा सवाल है. जाहिर है सरकार आम लोगों को भ्रमित और गुमराह करने की कोशिश कर रही है.