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झारखंड में मैट्रिक और इंटर का मॉडल प्रश्न पत्र जल्द किए जाएंगे वितरित, बढ़ाए जाएंगे ऑब्जेक्टिव प्रश्न - Matriculation and inter examination

जैक की ओर से आयोजित मैट्रिक की परीक्षा के लिए मॉडल प्रश्न पत्र चार कॉम्पोनेन्ट में वितरित किए जाएंगे. मॉडल प्रश्न पत्र तैयार कर जल्द ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को सौंपी जाएगी. साल 2021 में होने वाले मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है. कोरोना महामारी के मद्देनजर शिक्षा विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है.

Model question papers of Matric and Intermediate will be distributed in Jharkhand
मॉडल प्रश्न पत्र जल्द किए जाएंगे वितरित

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Published : Dec 1, 2020, 12:01 AM IST

रांची:झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आयोजित मैट्रिक के परीक्षा के लिए मॉडल प्रश्न पत्र चार कॉम्पोनेन्ट में वितरित किए जाएंगे. जेसीईआरटी की ओर से राजस्थान, उड़ीसा बोर्ड और सीबीएसई का रिपोर्ट अध्ययन कर झारखंड एकेडमिक काउंसिल को सौंप दी है और इसी के आधार पर इस बार मैट्रिक और इंटरमीडिएट का मॉडल प्रश्न पत्र तैयार किए जा रहे हैं.


मॉडल प्रश्न पत्र तैयार कर जल्द ही स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को सौंपी जाएगी. भाषा संबंधी विषयों में हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत और उर्दू के प्रश्नों में समानताएं होगी. ऑब्जेक्टिव, शॉर्ट सब्जेक्टिव और लॉन्ग सब्जेक्ट के प्रश्नों को तैयार किया जा रहा है. गणित, विज्ञान, वाणिज्य, कला के विषय में भी समानताएं रखी जाएगी. झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी की ओर से उड़ीसा, राजस्थान और सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न को अपनाया गया है. इसमें कुछ सुधार कर झारखंड बोर्ड लागू करेगी. जेसीईआरटी के अनुसार मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए मॉडल प्रश्न पत्र चार कॉम्पोनेन्ट में बांटे गए हैं. भाषा, विज्ञान और कला के विषयों का अलग-अलग कॉम्पोनेन्ट रखे गए हैं. उसी के आधार पर मॉडल प्रश्न पत्र तैयार करना होगा और उससे जुड़े प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी. शिक्षा सचिव के मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को लेकर सीएम के साथ चर्चा होगी.

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60 फीसदी सिलेबस से होगी परीक्षा
साल 2021 में होने वाले मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को लेकर पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है. कोरोना महामारी के मद्देनजर शिक्षा विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है. पिछले 8 महीने से स्कूल बंद है और विद्यार्थियों को पठन-पाठन में परेशानी हो रही है. उन्हें सहूलियत देने के लिए यह कदम विभाग की ओर से उठाया गया है. पढ़ाई बाधित होने के वजह से 40 फीसदी सिलेबस में कटौती की गई है, जिसमें ऑब्जेक्टिव प्रश्न ज्यादा होंगे.

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