रांचीः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड में हुसैनाबाद से एनसीपी के इकलौते विधायक कमलेश सिंह ने अंतरात्मा की आवाज का हवाला देते हुए एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू इस राज्य में छह साल तक राज्यपाल रही हैं. उनका व्यवहार और कामकाज का तरीका कैसा रहा है, इससे हम सभी वाकिफ हैं. इसी को आधार बनाकर उन्होंने अपने मन की बात सुनी और उन्हें वोट दिया. खास बात है कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीपी का स्टैंड यशवंत सिन्हा के पक्ष में है.
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दूसरी तरफ झारखंड के बगोदर से भाकपा माले के इकलौते विधायक विनोद कुमार सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ मांडर उपचुनाव में सीपीएम उम्मीदवार के बजाए कांग्रेस के समर्थन के सवाल पर ईटीवी भारत से अपना विचार साझा किया. उन्होंने कहा कि मांडर में कांग्रेस को समर्थन देने का एकमात्र मकसद यह था कि वहां लड़ाई भाजपा के साथ थी. उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के साथ क्या कर रही है इससे सभी वाकिफ हैं. इसलिए भाजपा को रोकने के लिए पार्टी ने मांडर में अपना स्टैंड बदला. यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का तृणमूल कांग्रेस से नाता रहा है, जो वामदलों की धुर विरोधी रही है. फिर भी उनके समर्थन का क्या मतलब है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नहीं बल्कि संविधान को लेकर है.
वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार एक आदिवासी समाज की महिला को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाने के लिए एनडीए ने पहल की. उनकी जीत भी सुनिश्चित है. यह देश के लिए गौरव की बात है. ऐसे समय में सभी को विचारधारा से ऊपर उठकर समर्थन करना चाहिए.