रांची: राज्य में नवगठित झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो (Jharkhand Assembly Speaker) से मिलकर सदन में मोर्चा को मान्यता देने की मांग की है. सोमवार को सरयू राय के नेतृत्व में मिले मोर्चा के विधायकों ने स्पीकर रवींद्रनाथ महतो से इस संबंध में आग्रह किया. झारखंड में तीसरा मोर्चा के गठन के बाद राजनीतिक हलचल तेज है. कांग्रेस नेता और झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के गठन पर तंज कसते हुए कहा है कि तीसरा मोर्चा क्या चौथा मोर्चा भी बन सकता है, इसका प्रभाव झामुमो और कांग्रेस पर नहीं पड़ेगा.
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झारखंड में तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे सरयू राय ने कहा कि स्पीकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने विधानसभा में ना केवल मोर्चा को मान्यता देने की मांग की बल्कि नेता प्रतिपक्ष अब तक तय नहीं होने के कारण सरकार और सदन को हो रही परेशानी पर भी चर्चा की है. विधानसभा अध्यक्ष ने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के शिष्टमंडल को लिखित रूप से मान्यता की मांग करने को कहा है, उसके बाद ही इसपर विचार किया जाएगा. सरयू राय ने कहा कि कई ऐसे मसले हैं, जिसमें नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है. जिसको लेकर सरकार ने भी पत्र लिखा है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से नये सिरे से नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर विचार करने का आग्रह किया है.
दरअसल, पिछले दिनों झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन करने की घोषणा की गई है. जिसमें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को विधायक दल का नेता चुना गया है. इस मोर्चे में विधायक सरयू राय, विधायक कमलेश सिंह, विधायक अमित यादव और विधायक लंबोदर महतो शामिल हैं. झारखंड में नवगठित तीसरे मोर्चे में पांच विधायक शामिल हैं. इनमें आजसू के दो, एनसीपी के एक और निर्दलीय दो विधायक शामिल हैं. तीसरे मोर्चा को सशक्त करने में जुटे सरयू राय इससे पहले वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं.
झारखंड में तीसरा मोर्चा के गठन के बाद राजनीतिक बयानबाजी