रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया है मांडर से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधायकी खत्म हो जायेगी. प्रावधान के तहत किसी भी विधायक को 2 वर्ष से अधिक की सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाती है. इस तरह से बंधु तिर्की मामले में भी कोर्ट के फैसले की कॉपी विधानसभा को भेजी जायेगी. विधानसभा सजा की तारीख को इंगित करते हुए सदस्यता समाप्त करने का अधिसूचना जारी करेगा.
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झारखंड में उपचुनाव तय: विधानसभा से अधिसूचना जारी होने के बाद इसे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भेजा जायेगा. उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग को मांडर विधानसभा सीट खाली होने से अवगत कराते हुए उप चुनाव कराने का आग्रह किया जायेगा. वैधानिक प्रावधानों के अनुसार छह महीने के अंदर उप चुनाव कराया जाता है. बंधु तिर्की मामले में भी संभावना यह है कि बुधवार तक विधानसभा सीबीआई कोर्ट के फैसले के अनुसार अधिसूचना जारी करेगा.
झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं बंधु: बंधु तिर्की झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं, जिनकी विधायकी सजा सुनाने के बाद खत्म हो रही है. इससे पहले भी 5 विधायकों की विधायकी कोर्ट की तरफ से सजा सुनाने के बाद खत्म हो चुकी है. कुल 6 में से चार विधायक चतुर्थ विधानसभा के सदस्य हैं. एनोस एक्का के अलावा कमल किशोर भगत, गोमिया विधायक योगेंद्र साव और सिल्ली विधायक अमित महतो चतुर्थ विधानसभा के सदस्य थे. 6ठे विधायक के रूप में बंधु तिर्की हैं जिनकी विधायकी सोमवार को सीबीआई कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष की सजा मुकर्रर करने के बाद चली जाएगी.
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कमल किशोर भगत: जून 2015 में तत्कालीन आजसू विधायक कमल किशोर भगत को कोर्ट ने डॉ. केके सिन्हा के साथ मारपीट मामले में सात साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी.