रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नियोजन नीति के मुद्दे पर सदन के अंदर और बाहर आंदोलन होता रहा. विपक्ष के अलावे सत्तापक्ष के विधायक भी नियोजन नीति हाई कोर्ट से रद्द होने पर सरकार के खिलाफ धरना देते (MLA protest Against planning policy) दिखे. कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद अपनी ही सरकार द्वारा बनाई गई नियोजन नीति में खामियों को स्वीकारते हुए आलोचना करती दिखीं.
नियोजन नीति पर दूसरे दिन भी गर्म रहा झारखंड विधानसभा का माहौल, सदन के बाहर विधायक अंबा प्रसाद ने दिया धरना
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान दूसरे दिन भी नियोजन नीति पर सदन के अंदर और बाहर हंगामा होता रहा. विधायक अंबा प्रसाद ने अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ सदन के बाहर (MLA protest Against planning policy) धरना दिया.
सदन के बाहर विधायक अंबा प्रसाद ने दिया धरनाः सदन के बाहर धरना पर बैठीं कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने सरकार से नियोजन नीति रद्द होने की वजह से बाधित नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से संशोधित कर शुरू करने की मांग (MLA protest Against planning policy) की. उन्होंने कहा कि पहले भी नियोजन नीति बनी थी. उसमें कई तरह की विसंगतियां थी, जिसे दूर की गई थी. जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी. सरकार को चाहिए कि एक बार फिर त्रुटियों को दूर कर नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करें. जिससे झारखंड के छात्रों को सरकारी नौकरी मिल सके. नियोजन नीति रद्द होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें हमारे युवाओं का कोई दोष नहीं है.
संथाल परगना में नहीं है कोई बंगलादेशीः अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी (Jamtara MLA Irfan Ansari) ने कहा कि संथाल परगना में कोई बंग्लादेशी नहीं है. यह बीजेपी का प्रोपेगेंडा है. जिसे चलने नहीं दिया जाएगा. यदि यही स्थिति रही तो बीजेपी झारखंड में अगले चुनाव में 10 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी. उन्होंने भाजपा विधायक के द्वारा सदन में इरफान अंसारी को फांसी दो कि मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे भाजपा नेता ने जता दिया है कि उनको आदिवासी, अल्पसंख्यक और क्रिश्चियन समुदाय से कितनी नफरत है. यह नफरत लोकतंत्र में शोभा नहीं देता. यह समझ से परे है. अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी से बीजेपी को नफरत है. नफरत की राजनीति नहीं चलेगी, यह झारखंड है. जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने भाजपा पर आरएसएस के एजेंडा पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह किसी भी सूरत में नहीं चलेगा. बहरहाल आरोप-प्रत्यारोप के बीच शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी सदन का माहौल गरमाया रहा. मुश्किल से एक घंटा भी सदन नहीं चल पाया.