रांची: झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के बगावती तेवर ने सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम द्वारा लगातार सरकार और संगठन के विरुद्ध आ रहे बयान से पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है. इधर लोबिन हेम्ब्रम के बगावती तेवर से मन ही मन मुस्कुरा रही बीजेपी ने इसे स्वभाविक नाराजगी बताई है.
ये भी पढ़ें-बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों की चल रही है बैठक
विधायक लोबिन हेम्ब्रम के तेज हुए बागी सुर, टिप्पणी से बच रहे जेएमएम नेता
झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के बगावती तेवर ने सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. एक बार फिर लोबिन हेम्ब्रम ने अपनी पार्टी को चुनौती दी है, हालांकि बड़े नेता इस पर कुछ कहने से बच रहे हैं.
मंगलवार को लोबिन हेम्ब्रम ने जिस तरह से पार्टी को कार्रवाई करने की खुली चुनौती दी है, उसके बाद झामुमो ने इसे गंभीरता से लिया है. हालांकि इस मुद्दे पर पार्टी के बड़े नेता खुलकर बोलना नहीं चाहते. जेएमएम के उपाध्यक्ष और सरकार के मंत्री चंपाई सोरेन ने इसे पार्टी का अंदुरुनी मामला बताते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.उन्होंने कहा कि लोबिन हेम्ब्रम का बयान पार्टी तक पहुंचा है जब इसपर विचार होगा तब देखा जाएगा.
लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि पहले माटी उसके बाद पार्टी. उन्होंने कहा कि देर क्यों कर रहे हो.ज्यादा से ज्यादा पार्टी से बाहर करोगे माटी से नहीं. यह माटी खून मांग रही है.जिसके लिए खतियान आधारित स्थानीयता पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि बिरसा की पावन भूमि से 09 जून को उलगुलान होगा जिसके बाद हर जिले में जाकर लोगों को गोलबंद किया जाएगा. जब चुनाव के वक्त जनता से वादा किया तो सरकार में आने के बाद 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति बनानी होगी.