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सदन में गूंजा सहारा इंडिया का मामला, लंबोदर ने कहा हड़प लिया झारखंडियों का पैसा, सरकार दिखी लाचार

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन(Fourth day of winter session of Jharkhand Legislative Assembly) सदन में सहारा इंडिया का मामला उठा. विधायक लंबोदर महतो(MLA Lambodar Mahato) ने सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकार इस मामले में जमाकर्ताओं के हित में क्या कर रही है. जिसके जवाब में मंत्री ने कहा कि यह मामला राज्य सरकार के अंतर्गत नहीं आता है.

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Published : Dec 22, 2022, 2:22 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन ध्यानाकर्षण के दौरान गोमिया से आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कसमार और गोमिया क्षेत्र के निवेशकों के हवाले से सहारा इंडिया पर लोगों के पैसे वापस नहीं करने का मामला उठाया. उन्होंने स्थानीय लोगों की गाढ़ी कमाई के पैसे वापसी के लिए सरकार से पहल करने की अपील की.

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विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से पूछा कि जमाकर्ताओं का पैसा निकालने के लिए क्या किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में सिर्फ गोमिया प्रखंड के 18 हजार 500 जमाकर्ताओं ने 274 करोड़ रुपया जमा कराया है. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सहारा इंडिया का मामला राज्य सरकार के अधीन नहीं आता है. कई बार राज्य सरकार के द्वारा सहारा इंडिया के साथ पत्राचार किया गया है .

लंबोदर महतो ने सदन में कहा कि सहारा इंडिया का मामला बेहद गंभीर है. गरीब, मजदूर और निम्नमध्यवर्गीय परिवार का पैसा हड़प लिया गया है. इसकी गंभीरता को देखते हुए विधानसभा के द्वारा एक विशेष कमिटी बनायी जाय. उन्होंने सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय को उस कमिटी के सामने पेश कराए जाने की मांग की. लंबोदर महतो ने कहा कि देश भर के 3 करोड़ जमाकर्ताओं ने कुल 24 हजार करोड़ रुपये जमा कराए हैं. जिसमें से अबतक मात्र 5 हजार 120 करोड़ दावाकर्ताओं को मिले हैं. मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि जमाकर्ताओं के पैसे को लेकर सरकार चिंतित है. सहारा इंडिया से लगातार पत्राचार किया जा रहा है. यह सिर्फ झारखंड की ही नहीं पूरे देश की समस्या है.

इसपर भाजपा विधायक बिरंचि नारायण ने सूचना के तहत कहा कि थानों को आदेश देकर सहारा इंडिया से जुड़े मामलों में प्राथमिकता के साथ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार का हवाला देते हुए कहा कि वहां ऐसा किया जा रहा. हालांकि इस बाबत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

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