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राज्य की जनसंख्या के आधार पर विधानसभा सत्र की अवधि तय हो, केंद्र सरकार बनाए कानूनः सीपी सिंह - सदन की कार्यवाही संक्षिप्त रखने के पीछे का कारण

MLA CP Singh. झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है. यह सत्र महज छह दिनों का होगा. जिसमें राज्य के 81 विधायक अपने क्षेत्र की समस्या को उठाएंगे. ऐसे में समझा जा सकता है कि कई विधायक सवाल करने से वंचित रह जाएंगे या अपने क्षेत्र की समस्या सही ढंग से नहीं उठा सकेंगे. इस कारण विधासभा सत्र की अल्प अवधि को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

MLA CP Singh Demand
Demand To Extend Duration Of Assembly Session

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 12, 2023, 7:18 PM IST

विधानसभा सत्र की अल्प अवधि पर सवाल उठाते रांची के विधायक सीपी सिंह.

रांची: विधानसभा सत्र की अल्प अवधि पर सवाल उठने लगे हैं. पूर्व स्पीकर और रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह ने झारखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों में स्थित विधानसभा के सत्र की अवधि पर भारत सरकार से कानून बनाने की मांग की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा कि अल्प अवधि के सत्र के दौरान जनता की बात उठ नहीं पाती हैं. ऐसे में भारत सरकार को लोकसभा के जरिए एक कानून बनाना चाहिए.

राज्य की जनसंख्या के आधार पर विधानसभा सत्र की अवधि तय होः उन्होंने कहा कि जिस राज्य में जितनी जनसंख्या है उस आधार पर नियम बने कि उसी अनुपात में उस विधानसभा का सत्र कितने दिनों का होगा. वर्तमान समय में एक सत्र से दूसरे सत्र की अवधि अधिकतम छह माह है, लेकिन कितने दिन साल में सदन की कार्यवाही चले यह निर्धारित नहीं है. ऐसे में जनता के मुद्दे सदन में सभी विधायक उठा नहीं पाते हैं. उन्होंने सरकार द्वारा सदन की कार्यवाही संक्षिप्त रखने के पीछे का कारण सदन में जवाब देने से भागने की बड़ी वजह बताई. उन्होंने कहा कि चाहे जिसकी भी सरकार हो सत्तापक्ष यह नहीं चाहती है कि सदन में उठाए जानेवाले सवालों का जवाब दें. यही वजह है कि संक्षिप्त सत्र बुलाई जाती है.

क्यों उठा कानून बनाने का मुद्दाःलोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होने से पहले होनेवाले इस शीतकालीन सत्र में सभी माननीय को क्षेत्र की चिंता सताने लगी है. कई ऐसे भी दावेदार हैं जो लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. इन सबके बीच झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है. 22 दिसंबर तक चलनेवाले इस शीतकालीन सत्र के दौरान महज छह कार्यदिवस होंगे. पहले दिन औपचारिकता के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होगी. इस तरह से पांच दिन में 81 विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्या से कैसे सदन को अवगत कराएंगे.

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