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विधायक बंधु तिर्की ने लिखा CM हेमंत को पत्र, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को सेवा विस्तार ना देने का किया आग्रह - रांची में बंधु तिर्की ने सीएम को पत्र लिखकर आग्रह किया

विधायक बंधु तिर्की ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की सेवा विस्तार ना दिए जाने का आग्रह किया है.

MLA Bandhu Tirkey wrote letter to CM Hemant Soren in ranchi
MLA Bandhu Tirkey wrote letter to CM Hemant Soren in ranchi

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Published : Dec 16, 2020, 8:00 PM IST

रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने रांची विश्वविद्यालय के शिक्षकों, प्राचार्य और शिक्षकेतर कर्मचारियों को 2 वर्ष के सेवा विस्तार ना दिए जाने का आग्रह किया है.

सेवा विस्तार देने का निर्णय

विधायक बंधु तिर्की ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि रांची विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, प्राचार्य और शिक्षकेतर कर्मचारियों, जो 31 दिसंबर 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इन्हें 2 वर्ष का सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया है और इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा. विश्वविद्यालय के इस निर्णय का कई छात्र संगठनों, प्रतिनिधियों की ओर से विरोध भी किया गया है.

बेरोजगार युवकों के लिए अहितकर

विधायक बंधु तिर्की ने अपने पत्र में कहा है कि वह व्यक्तिगत तौर पर ऐसे निर्णय को अव्यावहारिक मानते है और यह राज्य के बेरोजगार युवकों के लिए अहितकर है. पूरे देश में जब बेरोजगारी का आंकड़ा निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है, राज्य के बेरोजगार नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में राज्य के बेरोजगारों को अवसर से वंचित करना न्यायोचित नहीं होगा. ऐसे में आगे चलकर राज्य के अन्य विश्वविद्यालय भी इस प्रकार के निर्णय लेंगे और हजारों रिक्तियां 2 वर्ष के लिए ब्लॉक हो जाएगी.

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नियुक्तिों प्रक्रिया में लाएं तेजी

दूसरी ओर विश्वविद्यालय स्तर पर प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारी सहित अन्य प्रशासनिक पदों पर राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़ों का प्रतिनिधित्व नगण्य है. शिक्षकों के बैकलॉग पदों पर चल रही नियुक्तिों की प्रक्रिया भी अभी तक पूरी नहीं हुई है, जिससे उनको समुचित प्रतिनिधित्व मिल पाता. विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि महामहिम राज्यपाल के बार-बार निर्देश के बावजूद भी शिक्षकों के प्रोन्नति के मामले में राज्य के विश्वविद्यालयों की भूमिका संतोषप्रद नहीं है, जिसके कारण प्राचार्य सहित अन्य प्रशासनिक पदों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है.

पठन पाठन रखें जारी

विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा है कि शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को 2 वर्ष का सेवा विस्तार ना दें. शिक्षकों के बैकलॉग नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूरी करते हुए अन्य नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. ताकि महाविद्यालय में पठन-पाठन का कार्य क्षमता के साथ जारी रह सके.

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