रांची:राजधानी में सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज को लेकर विधायक अंबा प्रसाद ने उनके पक्ष में खड़े होने की बात कही है. उनका कहना है कि घटना से वह काफी दुखी हैं और सहायक पुलिसकर्मियों के साथ हैं.
सहायक पुलिसकर्मियों के समर्थन में आयी विधायक अंबा प्रसाद, कहा- समस्या का समाधान सरकार की पहली प्राथमिकता - रांची के सहायक पुलिसकर्मियों की खबरें
रांची में सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज को लेकर विधायक अंबा प्रसाद ने उनके पक्ष में खड़े होने की बात कही है. उनका कहना है कि उनकी समस्या का समाधान करना अब सरकार की पहली प्राथमिकता है.

बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके बारे में जानकारी नहीं थी. उनकी समस्या का समाधान करना अब सरकार की पहली प्राथमिकता है. उनका यह भी कहना है कि वो झारखंड के रहने वाले हैं और इस राज्य के हैं. ऐसे में उन्हें न्याय मिलेगा. बता दें कि रांची के मोरहाबादी मैदान में स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 सितंबर से आंदोलन कर रहे राज्य के 12 जिले के लगभग ढाई हजार पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया गया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. पूरे राज्य भर में इस घटना को लेकर निंदा हुई थी.
ये भी पढ़ें-LIVE : सक्रंमितों का आंकड़ा पहुंचा 53 लाख के पार, एक दिन में 95,880 लोग हुए ठीक
आंदोलनकारी सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर को राजभवन के समीप धरना देने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें धरना नहीं देने दिया गया. 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में लगभग 2 हजार 350 सहायक पुलिसकर्मियों की 10 हजार मानदेय पर नियुक्ति हुई थी. सहायक पुलिसकर्मियों का कहना है कि नियुक्ति के समय बताया गया था कि 3 साल बाद उनकी सेवा स्थाई हो जाएगी, लेकिन 3 साल पूरा होने के बाद भी उनका स्थायीकरण नहीं हुआ. ऐसे में उनलोगों ने आंदोलन में जाने की रणनीति बनाई थी.