रांचीः आम तौर पर कहा जाता है कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर और राजनेता का बेटा राजनेता बनता है. लेकिन झारखंड ने इस मिथक को तोड़ दिया है. चतरा से राजद विधायक सह हेमंत सरकार में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश भोक्ता का चयन चपरासी पद के लिए हुआ है. चतरा कोर्ट में नौकरी मिली है. पहली बार राज्य के किसी मंत्री के बेटे को चपरासी का काम करते हुए लोग देखेंगे. यह समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश होगा कि कोई भी पद छोटा या बड़ा नहीं होता. आप अपनी जिम्मेवारी को कैसे निभाते हैं, यही सबसे ज्यादा मायने रखता है.
सबसे खास बात है कि इस पद के लिए मंत्री सत्यानांद भोक्ता के दिवंगत भाई महादेव गंझू के पुत्र रामदेव भोक्ता ने भी इंटरव्यू दिया था. लेकिन उनका नाम फिलहाल वेटिंग लिस्ट में है. चतरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की ओर से आदेश संख्या 26/2023 के तहत चपरासी, ट्रेजरी मैसेंजर, दफ्तरी, ड्राइवर और नाइट गार्ड के पद लिए विज्ञापन संख्या 1/2023 निकाला गया था. साक्षात्कार के बाद फाइनल लिस्ट जारी हुआ है. इसमें चपरासी के 13 पद हैं, जिनमें एक नाम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश भोक्ता का भी है. इनका चयन एसटी कोटे से हुआ है. आपको बता दें कि हाल ही में नरेंद्र मोदी की सरकार ने भोक्ता जाति को एससी से निकालकर एसटी की सूची में डाला था. इसपर मंत्री ने नाराजगी भी जतायी थी. बेटे को सरकारी नौकरी मिलने की खुशी में उनसे प्रतिक्रिया लेने की पूरी कोशिश की गई लेकिन फोन पर बात नहीं हो पाई.
खास बात कि चपरासी के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची के अलावा एक वेटिंग लिस्ट भी निकाला गया है. इसमें मंत्री के भतीजे रामदेव भोक्ता का नाम है. लेकिन उन्हें तभी जगह मिल पाएगी, जब कोई सफल अभ्यर्थी ज्वाइन नहीं करेगा. इसके अलावा ट्रेजरी मैसेंजर के पद पर एक, दफ्तरी के लिए एक, नाइट गार्ड के लिए तीन और ड्राइवर के लिए एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है.
चतरा में नया फॉर्मूला बिठा रहे हैं मंत्री सत्यानंदःकुछ समय पहले तक चतरा सीट एससी के लिए रिजर्व थी. सत्यानंद भोक्ता तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. दो बार भाजपा की टिकट पर तो 2019 में राजद की टिकट पर. हर बार किस्मत के धनी रहे. जिसकी भी सरकार बनी, इनको मंत्री पद मिला. लेकिन अब चतरा की राजनीति बदल गई है. क्योंकि केंद्र सरकार ने भोक्ता जाति को एसटी का दर्जा दे दिया है. जाहिर है कि अब सत्यानंद भोक्ता इस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. लेकिन उन्होंने इस सीट पर बने रहने के लिए अलग तरीके से तैयारी भी शुरू कर दी है. उनके जिस तीसरे पुत्र मुकेश भोक्ता को चपरासी की नौकरी मिली है, उनकी शादी एससी समाज की लड़की से हुई. लिहाजा, चर्चा आम है कि सत्यानंद भोक्ता अपनी बहू को चतरा के राजनीतिक मैदान में उतारेंगे.
आपको बता दें कि मंत्री सत्यानंद भोक्ता के कुल चार पुत्र हैं. पहले पुत्र बिनोद भोक्ता अपने पिता के साथ राजनीति करते हैं. दूसरे पुत्र बिरेंद्र भोक्ता खुद को राजनीति से अलग रखते हैं. उनकी पत्नी दारोगा हैं. तीसरे पुत्र मुकेश भोक्ता को चपरासी पद पर सरकारी नौकरी मिल गई है. उनकी शादी गिरिडीह में एससी समाज की लड़की से हुई है. चौथे पुत्र सिकंदर अभी अविवाहित हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा के सदर प्रखंड में कारी गांव के निवासी हैं.