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Published : Oct 11, 2021, 6:58 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 8:22 PM IST

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केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन पर आगे बढ़ी बात, रैयतों के लिए नौकरी पर केंद्रीय मंत्री सहमत

चेरी मनातू में केंद्रीय विश्वविद्यालय की बिल्डिंग के लिए जमीन पर गतिरोध दूर होने का माहौल बनने लगा है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी (minister of state annapurna devi Meeting ) ने विश्वविद्यालय परिसर के लिए आवंटित जमीन के अधिग्रहण मामले में रांची डीसी और अन्य अधिकारियों के साथ स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने विश्वविद्यालय में रैयतों के परिजनों के लिए नौकरी दिए जाने के मामले में सहमति दे दी.

minister of state annapurna devi Meeting at State Guest House for land acquisition for Central University at Cheri Manatu
केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन पर आगे बढ़ी बात, रैयतों के लिए नौकरी पर केंद्रीय मंत्री सहमत

रांची:चेरी मनातू में केंद्रीय विश्वविद्यालय की बिल्डिंग के लिए जमीन पर गतिरोध दूर होने का माहौल बनने लगा है. सोमवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने (minister of state annapurna devi Meeting ) स्टेट गेस्ट हाउस में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए आवंटित जमीन के अधिग्रहण पर बैठक ली. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने विश्वविद्यालय में रैयतों के परिजनों के लिए नौकरी दिए जाने के मामले में सहमति दे दी. इसके अलावा गतिरोध तोड़ने के लिए जमीन के बदले कई अन्य योजनाओं की जानकारी दी.

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राज्य सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर के लिए चेरी मनातू में 2011 में कुल 500 एकड़ जमीन आवंटित की थी. इस 500 एकड़ जमीन में 319 एकड़ गैर मजरूआ खास जमीन और शेष रैयतों की जमीन है. हालांकि जिला प्रशासन अब तक आवंटित जमीन को अधिग्रहीत नहीं कर पाया है. जबकि इसके एक हिस्से पर अतिक्रमण भी हो गया है. इधर 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुए 12 साल हो गए हैं लेकिन जमीन न मिलने से विश्वविद्यालय अस्थायी भवन में ही संचालित करना पड़ रहा है. इससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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10 वर्षों से लटका है अधिग्रहण का मामला

इधर अब केंद्रीय विश्वद्यालय की जमीन और स्थायी परिसर के मसले को सुलझाने के लिए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार 11 अक्टूबर को स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक की. बैठक में केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ रांची डीसी छवि रंजन और शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल, भूमि सुधार आदि विभाग के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर के लिए किए जा रहे प्रशासनिक कार्य और रैयतों की मांग पर चर्चा की गई. 10 वर्षों से लटके जमीन अधिग्रहण के मामला पर भी चर्चा हुई.

क्या है रैयतों की मांग

रैयतों की मांग है कि विश्वविद्यालय जमीन के बदले पैसा और ग्रेड थ्री में रैयतों के परिवार के लोगों को नौकरी दे, तभी वे जमीन देंगे. इधर विवाद के कारण न तो विश्वविद्यालय की बिल्डिंग बन पा रही है और न ही जमीन तक जाने के लिए सड़क बन पा रही है. इधर 10 वर्षों में मुआवजे की राशि 168 करोड़ से 650 करोड़ के शिखर पर पहुंच गई है.

डीसी का छह माह में जमीन अधिग्रहण का वादा

बैठक में डीसी ने गैरमजरूआ जमीन पर गैरकानूनी रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर अगले छह महीने में जमीन अधिग्रहीत करने का आश्वासन दिया. दो घंटे तक चली बैठक के दौरान अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी परिसर के लिए रैयतों से बातचीत करके ही ली जाएगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ग्रेड थ्री में रैयतों के परिवार वालों को नौकरी दी जाएगी. साथ ही कौशल विकास के तहत उन्हें प्रशिक्षित कर कई कार्यों में रैयत के परिवार वालों को लगाया जाएगा.

जमीन खाली कराने पर हुई बात

केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि गैरमजरूआ जमीन को गलत ढंग से जमावंदी करानेवाले के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर जमीन खाली कराएगा. बैठक में सांसद संजय सेठ, जेयूवीएनएल एमडी केके वर्मा, रांची डीसी छवि रंजन सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.

Last Updated : Oct 11, 2021, 8:22 PM IST

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