रांची:चेरी मनातू में केंद्रीय विश्वविद्यालय की बिल्डिंग के लिए जमीन पर गतिरोध दूर होने का माहौल बनने लगा है. सोमवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने (minister of state annapurna devi Meeting ) स्टेट गेस्ट हाउस में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए आवंटित जमीन के अधिग्रहण पर बैठक ली. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने विश्वविद्यालय में रैयतों के परिजनों के लिए नौकरी दिए जाने के मामले में सहमति दे दी. इसके अलावा गतिरोध तोड़ने के लिए जमीन के बदले कई अन्य योजनाओं की जानकारी दी.
राज्य सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर के लिए चेरी मनातू में 2011 में कुल 500 एकड़ जमीन आवंटित की थी. इस 500 एकड़ जमीन में 319 एकड़ गैर मजरूआ खास जमीन और शेष रैयतों की जमीन है. हालांकि जिला प्रशासन अब तक आवंटित जमीन को अधिग्रहीत नहीं कर पाया है. जबकि इसके एक हिस्से पर अतिक्रमण भी हो गया है. इधर 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुए 12 साल हो गए हैं लेकिन जमीन न मिलने से विश्वविद्यालय अस्थायी भवन में ही संचालित करना पड़ रहा है. इससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
10 वर्षों से लटका है अधिग्रहण का मामला
इधर अब केंद्रीय विश्वद्यालय की जमीन और स्थायी परिसर के मसले को सुलझाने के लिए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पहल की है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार 11 अक्टूबर को स्टेट गेस्ट हाउस में बैठक की. बैठक में केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ रांची डीसी छवि रंजन और शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल, भूमि सुधार आदि विभाग के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर के लिए किए जा रहे प्रशासनिक कार्य और रैयतों की मांग पर चर्चा की गई. 10 वर्षों से लटके जमीन अधिग्रहण के मामला पर भी चर्चा हुई.
क्या है रैयतों की मांग