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सरकार और सहायक पुलिसकर्मियों की वार्ता विफल, आंदोलन जारी

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Published : Sep 19, 2020, 4:32 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 8:05 PM IST

Negotiations between government and assistant policemen fail
सहायक पुलिस कर्मी और सरकार के बीच वार्ता शुरू, मंत्री मिथलेश ठाकुर पहुंचे हैं वार्ता के लिए मोराबादी मैदान

19:46 September 19

सरकार और सहायक पुलिसकर्मियों की वार्ता विफल

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रांची:आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों और सरकार के प्रतिनिधि बनकर आए मंत्री मिथिलेश ठाकुर के बीच वार्ता विफल हो गई है. वार्ता करने आए मंत्री मिथिलेश ठाकुर से बातचीत के बाद एक तरफ जहां मंत्री ने यह कहा कि बात सार्थक हुई है. वहीं, दूसरी तरफ सहायक पुलिसकर्मियों ने सीधे तौर पर का है कि अगर उन्हें लिखित रूप से इसका आश्वासन मिलेगा तभी वे आंदोलन समाप्त करेंगे. वार्ता को लेकर क्या कहना है सहायक पुलिसकर्मियों का और सरकार के मंत्री का इन सब मसलों पर ईटीवी भारत के संवादाता प्रशांत कुमार ने सहायक पुलिसकर्मियों से बातचीत की.

16:25 September 19

मंत्री समझाते रहे लेकिन नहीं समझे सहायक पुलिसकर्मी

सहायक पुलिसकर्मी से बात करते मंत्री

झारखंड सरकार के प्रतिनिधि के रूप में रांची के मोराबादी मैदान पहुंचे मंत्री मिथिलेश ठाकुर और आंदोलन कर रहे हाय पुलिसकर्मियों की वार्ता बेनतीजा खत्म हो गई लगभग 1 घंटे तक झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर सहायक पुलिसकर्मियों को समझाते रहे और उन्हें कई तरह के आश्वासन दिया. मंत्री ने सहायक पुलिसकर्मियों से यह कहा कि उनके मानदेय में वृद्धि होगी इसके अलावा जो अंक उन्हें मिलते हैं परीक्षा के समय वह बेहद काम आएंगे उन्हें अंक बढ़ा कर दिया जायेगा इसके अलावा उनका कॉन्ट्रैक्ट भी बढ़ा दिया जाएगा. मंत्री के अनुसार अंक बढ़ने से आगामी पुलिस बहाली में सहायक पुलिसकर्मियों को बेहद फायदा मिलेगा.


लिखित मिले तब सोचेंगे आंदोलन समाप्त करना है या नहीं

उधर मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जाने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपनी एक बैठक की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि उनके साथ सम्मानजनक समझौता होना चाहिए जिसके बाद ही वे आंदोलन समाप्त करेंगे और जो भी समझौता हो वह बकायदा पेन पेपर पर लिखित हो. मतलब साफ है कि सहायक पुलिसकर्मियों का यह आंदोलन आगे भी चलता रहेगा, क्योंकि वह मंत्री के आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आए. उनकी एक ही डिमांड है कि जो भी फैसला हो वह बकायदा लिखित हो और अगर उन्हें लिखित रूप में आश्वासन मिलता है तब वह अपने साथियों से बात कर आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश करेंगे.

Last Updated : Sep 19, 2020, 8:05 PM IST

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