रांची: राजधानी के कांके डैम के अस्तित्व को बचाने को लेकर 22 दिनों से आंदोलन चल रहा था. यह आंदलन कांके डैम बचाओ संघर्ष समिति और 12 गांव के स्थानीय विस्थापित मछुआरों की ओर से किया जा रहा था, जिनमें सूबे के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुलाकात कर कर आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद इस आंदोलन को समाप्त कर दिया गया.
रांची की एक बड़ी आबादी की प्यास बुझाने वाले कांके डैम की दुर्दशा दिनों-दिन खराब होती जा रही है. इसका मुख्य कारण डैम के किनारे के जमीन का अतिक्रमण और शहर के पॉश इलाकों का गंदा पानी डैम में प्रवेश करना है, जिस पर रोक लगाने का निर्देश पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने नगर विकास आयुक्त के पदाधिकारी और हेहल अंचलाधिकारी को दिया है.
एक लंबी अवधि से आंदोलन कर रहे लोगों की मांग को विभागीय मंत्री ने जायज बताते हुए गंभीरता से पहल करने का आश्वासन दिया है. साथ ही स्थानीय विस्थापितों को रोजगार के विषय पर मत्स्य पालन की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री से वार्ता करने की बात कही है. मत्स्य पालन के लिए दी गई ठेका की जांच कर कार्रवाई करने की भी बात भी कही गई है.