रांचीः अपने बयान को लेकर आरोपों के घेरे में आए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर अनभिज्ञता (case registered on controversial statement) जाहिर की है. प्रोजेक्ट भवन में मीडियाकर्मियों के द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा कांड दर्ज किए जाने की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली है. उन्होंने इतना कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जबकि पूरा बाइट सुनने के बाद सारी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी.
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गढ़वा में दिया था बयानः धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और हनुमान चालीसा को लेकर चल रहे विवाद के बीच झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने 28 अप्रैल को गढ़वा में उनके दिए बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया था. यहां बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार धर्म विशेष के साथ भेदभाव करना बंद करे. हफीजुल हसन ने केंद्र सरकार पर धर्म विशेष के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर आप 80 फीसदी हो तो हम भी 20 फीसदी हैं. हफीजुल हसन के इस बयान पर दिल्ली में आईएफएसओ की इकाई द्वारा हफीजुल हसन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.
रांची की घटना पर बोले मंत्री हफीजुलः रांची के मेनरोड में हुए बवाल को दुखद बताते हुए मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि जैसे ही इसकी सूचना मुझे मिली मैं मुख्यमंत्री से मिलकर घटना से अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि सरकार संवेदनशील है और शांति बहाल करने में जुटी हुई है, घायलों का इलाज कराया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को सही बताते हुए कहा कि कहीं ना कहीं साजिश का शिकार लोग हो रहे हैं, मगर झारखंड की जनता शांति में विश्वास रखती है इसलिए किसी भी हालत में धैर्य ना खोएं इसके लिए वो सबसे अपील करते हैं. मंत्री हफीजुल ने कहा कि सरकार इस घटना को लेकर गंभीर है और इसकी जांच की जा रही है.