रांची: झारखंड के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडविया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में झारखंड को सुखाड़ राहत का 9600 करोड़ की राशि जल्द राज्य को निर्गत करने की मंत्री बन्ना गुप्ता ने मांग की है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों झारखंड भीषण सुखाड़ की चपेट में रहा है. राज्य के 226 प्रखंडों में पिछले मानसून के दौरान सामान्य से काफी कम बारिश की वजह से खेती-बाड़ी तबाह हो गई है और अन्नदाताओं की कमर टूट गई है.
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राज्य सरकार ने प्रति किसान 3500 रुपए की दी है सहायता राशिःझारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपने स्तर से प्रति किसान ₹3500 रुपए की मदद दी है, लेकिन जिस तरह का नुकसान किसानों को हुआ है, वह काफी अधिक है. ऐसे में केंद्र सरकार को राज्य सरकार को सुखाड़ राहत का बकाया 9600 करोड़ रुपए जल्द निर्गत कर देना चाहिए. बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं आपदा मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य की ओर से सुखाड़ राहत के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर केंद्र को भेजे जाने के बावजूद अभी तक सुखाड़ राहत की राशि राज्य को प्राप्त नहीं हुई है.
केंद्र से और क्या-क्या मांग रखी मंत्री बन्ना गुप्ता नेःआपदा प्रबंधन मंत्री ने राज्य को सुखाड़ राहत की 9600 करोड़ की राशि जल्द निर्गत करने के अलावा अन्य मांगों से भी केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया है जिसमें प्रमुख है लू (हीट वेव) को राष्ट्रीय आपदा में शामिल किया जाए, लू या शीतलहर से हुई मौत के दौरान मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए. उन्होंने भारत सरकार को इसके लिए स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग की. वहीं आगजनी की घटना के दौरान आगजनी के प्रकार को भी परिभाषित किया जाना चाहिए. मंत्री बन्ना ने कहा कि जो आग लगी थी वह प्राकृतिक आग है अथवा मानव जनित आग है इसका स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए, वज्रपात को राष्ट्रीय आपदा में सम्मिलित किया जाए, राज्य के सभी जिलों में आपदा मित्र की नियुक्ति के प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाए, आपदा प्रबंधन द्वारा राज्यांश निर्गत करने की अवधि को 15 दिन से बढ़ा कर 60 दिन कर दिया जाए.
बैठक में ये भी थे मौजूदःकेंद्रीय मंत्री के साथ ऑनलाइन मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह भी उपस्थित थे.