रांची: झारखंड में कुरमी/कुड़मी जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल इसके लिए कई बार अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन इस मुद्दे पर आजसू विधायक लंबोदर महतो धरना पर बैठ गए.
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विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि 1931-32 तक राज्य का कुड़मी समुदाय अनुसूचित जनजाति (शेड्यूल ट्राइब) में ही शामिल थे. लेकिन बाद में कुड़मी को ओबीसी बना दिया गया. आजसू विधायक द्वारा कुड़मी को आदिवासी घोषित करने की मांग पर कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की फूट पड़ीं. वहीं श्रम मंत्री ने तंज भरे लहजे में कहा कि वह लंबोदर महतो के मांग का समर्थन करते हैं, सभी को जनजाति घोषित कर देना चाहिए.
क्या बोलीं शिल्पी नेहा तिर्कीः मांडर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पांचवीं अनुसूची का राज्य होने के बावजूद झारखंड में आदिवासियों की क्या स्थिति है यह जानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोग इसलिए आदिवासी बनना चाहते हैं क्योंकि वह आदिवासियों की सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं. लेकिन केंद्र की सरकार ने ट्राइबल सब प्लान का क्या हाल कर रखा है. लगातार सब प्लान का पैसा कम किया जा रहा है. ट्राइबल सब प्लान की राशि को डाइवर्ट किया जाता रहा है. जंगल पर जनजातीय और वनवासी समुदाय के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है. इन सब पर भाजपा और आजसू के विधायक क्यों नहीं बोलते.
राज्य के सभी जाति और समुदाय को अनुसूचित जनजाति घोषित कर देना चाहिए- सत्यानंद भोक्ताः आजसू विधायक लंबोदर महतो द्वारा कुड़मी को आदिवासी घोषित करने की मांग का समर्थन करते हुए राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने उन पर तंज कसा. मंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार उन्हें एसटी घोषित कर देती है और जो मांग करते हैं उनकी मांगें पूरी नहीं होती. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य आदिवासी स्टेट है, यहां के सभी लोगों को अनुसूचित जनजाति घोषित कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर अगर धरना पर बैठे लोग कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी कोई आवेदन आता है तो राज्य सरकार उसे केंद्र को भेज देगी.