रांची:झारखंड के सभी जिलों में एक मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति जल्द होने का रास्ता साफ हो गया है. इसको लेकर डेढ़ वर्ष तक चली स्क्रूटनी के बाद इन दिनों अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जा रहा है. आज साक्षात्कार का आखिरी दिन है. मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति के बाद योजना में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की उम्मीद है.
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55 अभ्यर्थियों को देना है साक्षात्कार
राज्यभर के सभी जिलों में होनेवाले लोकपाल की नियुक्ति के लिए नेपाल हाउस स्थित विकास आयुक्त कार्यालय में इन दिनों अभ्यर्थियों का साक्षात्कार चल रहा है. 24 और 25 अगस्त को आयोजित इस साक्षात्कार में करीब 55 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं.पहले दिन 24 अगस्त को 28 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया. स्नातक से लेकर पीएचडी तक की डिग्रीधारी इन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा से लेकर ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार तक से गुजरना पड़ रहा है.
मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति से आएगी पारदर्शिता
नेपाल हाउस में चल रहे लोकपाल भर्ती परीक्षा के पहले दिन अभ्यर्थियों को आधे घंटे में लोकपाल की भूमिका और मनरेगा से संबंधित केस स्टडी के आधार पर लिखित परीक्षा से गुजरना पड़ा. बाद में ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार हुआ. दुमका से आए लोकपाल अभ्यर्थी डॉ. प्रभाकर कुमार ने सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मनरेगा में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा.
वहीं देवघर से लोकपाल बनने के लिए साक्षात्कार देने रांची पहुंचे कौशल कुमार सरकारी व्यवस्था से संतुष्ट दिखे.कौशल कुमार ने लोकपाल के माध्यम से मनरेगा में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगने की उम्मीद जताई. इधर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता आएगी.
02 वर्ष के लिए होगी नियुक्ति
राज्य में मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति दो वर्ष के लिए की जा रही है.कार्य संतोषजनक होने पर एक वर्ष का विस्तार दिए जाने का प्रावधान है. 2005 नरेगा अधिनियम के तहत लोकपाल की नियुक्ति का प्रावधान है.लोकपाल को मनरेगा के केसों खासकर भ्रष्टाचार से जुड़े केस की सुनवाई, जांच और इसपर सजा देने का भी अधिकार है. स्वभाविक रूप से मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति हो जाने के बाद मनरेगा में होने वाली गड़बड़ी और बिचौलिया पर रोकथाम की उम्मीद है.