रांची: कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों को मनरेगा से जुड़कर काम मुहैया कराना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है. हर मजदूर को काम मिले इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है. 20 अगस्त को मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सभी बीआरसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जिलावार वर्क डिमांड की समीक्षा की. 16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
दरअसल, हर जरूरतमंद तक मनरेगा का लाभ पहुंचाने के लिए 500 सोशल ऑडिट यूनिट टीम के 1000 सदस्यों के जरिए रोजगार सृजन का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत अब तक ढाई लाख मजदूरों ने काम मांगा है. इनमें से एक लाख 19 हजार 273 मजदूरों को काम मुहैया करा दिया गया है. समीक्षा बैठक के दौरान मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सोशल ऑडिट यूनिट के सदस्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मनरेगा मजदूरों को काम मुहैया कराने के साथ-साथ समय पर भुगतान सुनिश्चित कराना है.