रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान स्थानीय नीति का मुद्दा सदन में छाया रहा. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय नीति पर गोलमोल जवाब दिए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि स्थानीयता परिभाषित होने तक सरकार सभी नियुक्ति प्रक्रिया को रोकें. सुदेश महतो ने स्थानीय नीति 1932 के खतियान के आधार पर तय करने की मांग की है. वहीं भाजपा विधायक अमित मंडल और रणधीर सिंह ने सरकार पर गोड्डा में कुरमाली को क्षेत्रीय भाषा से हटाए जाने का विरोध किया. अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से सदन में चिंता जाहिर की. वहीं रणधीर सिंह ने सरकार पर भाषाई विवाद में जानबूझकर राज्य को धकेलने का आरोप लगाया.
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शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक बार फिर स्थानीय नीति 1932 के आधार पर ही होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सदन में इस संबंध में सवाल आया है. सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कार्य जारी होने की बात कही गयी है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा. मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने ही यह मांग उठाई थी और आज सब लोग इसकी मांग कर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि सरकार इसपर कार्य कर रही है और 1932 के आधार पर ही स्थानीयता परिभाषित होगा. इधर सदन में भोजनावकाश से पूर्व गरमागर्म चर्चा के बीच मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण के अलावा 2698.14 करोड़ का इस वित्तीय वर्ष का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई है.
स्थानीयता को लेकर विधायक और मंत्री का बयान इससे पहले झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरा दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विधानसभा परिसर में विधायक स्थानीयता के मुद्दे को लेकर हाथ में तख्ती लेकर प्रदर्शन करते नजर आए. इसी कड़ी में आजसू के विधायक लंबोदर महतो स्थानीय नियोजन नीति को लेकर प्रदर्शन करते नजर आए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक अपर्णा सेनगुप्ता बारबिंदिया बनाने की मांग को लेकर तख्ती लेकर प्रदर्शन करती नजर आईं.
विधायक लंबोदर महतो 1932 के आधार पर स्थानीय नियोजन नीति तय हो इसकी मांग को लेकर कहा कि आज झारखंड 22 साल में प्रवेश कर चुका है लेकिन अब तक स्थानीय नियोजन नीति तय नहीं हुई है. यह मांग की कॉपी सिर्फ उपसमिति तक ही रह जाती है एक बार फिर सरकार का कहना है कि 3 सदस्य उपसमिति बनाएंगे. लेकिन दुर्भाग्य है कि इससे पहले भी कई बार उपसमिति बन चुकी हैं लेकिन स्थानीय नियोजन नीति तय नहीं हो पाई है. वहीं जामताड़ा नाव हादसा में कई लोगों की मौत के मामले को लेकर निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने भी बारबिंदिया पुल को बनाने की मांग को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं, इसके साथ ही मृतक परिवारों को 10-10 लाख मुआवजा देने की भी मांग की गयी है. अपनी इसी मांग को लेकर अपर्णा सेनगुप्ता सदन के बाहर तख्ती लेकर प्रदर्शन करती नजर आईं.