रांची: जनजातीय परामर्शदातृ परिषद यानी टीएसी ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सीएनटी एक्ट के अंतर्गत 26 जनवरी 1950 के समय राज्य के भीतर जो जिले और थाने स्थापित थे उन्हीं को जिला और थाना मानते हुए धारा 46 के तहत जमीन खरीद बिक्री हेतू मान्यता प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है.
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गुरुवार 16 नवंबर को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई टीएसी की 26वीं बैठक में कई प्रस्तावों पर निर्णय मुहर लगी. इस बैठक में जनजातीय परामर्शदातृ परिषद ने जहां झारखंड विधानसभा के सदस्य स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में बनी जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की उपसमिति का कार्यकाल एक साल बढाने का निर्णय लिया, वहीं वन पट्टा वितरण में तेजी लाने पर चर्चा हुई.
23 नवंबर 2022 को हुई थी टीएसी की पिछली बैठक:टीएसी की पिछली बैठक 23 नवंबर 2022 को हुई थी. करीब एक साल बाद 16 नवंबर को आज बैठक हुई है. करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में लुगु पहाड़ में हाइडल पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट नहीं स्थापित करने का निर्णय लिया गया. यह बोकारो में स्थित है जो आदिवासी संतालियों के धार्मिक धरोहर के रूप में माना जाता है. लुगू पहाड़ पर दामोदर घाटी निगम द्वारा यह योजना प्रस्तावित है.
बैठक में वर्तमान सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार के तीसरे चरण के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को निर्धारित शिविरों में जाकर सहयोग करने की अपील की गई. इसके अलावे अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार के द्वारा चलाए जा रहे वन पट्टा वितरण में सहयोग करने का अनुरोध किया गया.
बैठक में झारखंड में पेसा कानून लागू किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा हुई. सदस्यों से इस संबंध में लिखित सुझाव मांगे गए. छोटानागपुर काष्टकारी अधिनियम 1908 पर भी टीएसी की बैठक में चर्चा हुई. इस बैठक में उपाध्यक्ष चंपई सोरेन, विधायक सह सदस्य स्टीफन मरांडी, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की एवं अन्य सदस्यों के साथ मुख्य सचिव सुखदेव सिंह एवं अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे उपस्थित थे.