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जानिए, MBBS की पढ़ाई की शुरुआत से पहले मेडिकल छात्र क्यों लेते हैं शव की शपथ?

शपथ यानी ओथ के बारे में सभी बखूबी जानते होंगे पर बहुत कम लोग जानते होंगे कि एक शपथ शव की भी विशेष रूप से ली जाती है, जिसे चिकित्सा विज्ञान के छात्र लेते हैं. रांची के रिम्स में मेडिकल स्टूडेंट्स ने कैडवेरिक ओथ लिया है.

Medical students took cadaveric oath in RIMS of Ranchi
Medical students took cadaveric oath in RIMS of Ranchi

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Published : Feb 25, 2022, 10:19 PM IST

रांचीः मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा पाठ्यक्रम की शुरुआत में शव की शपथ ली जाती है. शव को प्रत्येक चिकित्सक का प्रथम शिक्षक कहा जाता है. क्योंकि इस शव के माध्यम से ही मेडिकल छात्रों को पेशेवर सिद्धांत, ज्ञान, आचरण और परोपकारी व्यवहार की जानकारी मिलती है. इसलिए MBBS प्रथम वर्ष के कक्षाओं की शुरुआत में जब एनाटोमी विभाग की पढ़ाई शुरुआत करते है तो इसकी शुरुआत कैडवेरिक ओथ (शव की शपथ) से होती है.

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शपथ यानी ओथ के बारे में लोग बखूबी जानते हैं पर बहुत कम लोग जानते होंगे कि एक शपथ शव की भी विशेष रूप से ली जाती है, जिसे चिकित्सा विज्ञान के छात्र लेते हैं. MBBS प्रथम वर्ष के छात्र छात्राएं ये शपथ लेते हैं. शुक्रवार को रिम्स में कैडवेरिक ओथ (शव की शपथ) ली गयी. राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने गुरुवार को कक्षाओं की शुरुआत में एनाटोमी विभाग में कैडवेरिक ओथ (शव की शपथ) ली. मेडिकल के छात्रों ने शव का सर्वोच्च सम्मान के साथ व्यवहार करने, शव की गोपनीयता और गोपनीयता का सम्मान करने और इस महान बलिदान से प्राप्त ज्ञान का उपयोग समाज की सेवा करने का शपथ लिया. छात्रों ने मृतक और उसके परिवार के इस बलिदान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे साहसी कदम बताया. इस बाबत रिम्स के जनसपंर्क अधिकारी और सर्जन डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि इसके अलावा प्रथम वर्ष के छात्रों को स्वैच्छिक शरीर दान और शवों को कैसे संभालना है, इसके बारे में भी जानकारी दी गयी. साथ ही शवों को विच्छेदित करते समय विभिन्न एहतियाती उपायों से भी अवगत कराया गया.

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