रांची: केन्द्र की श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में वुधवार को झारखंड सहित देशभर के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हड़ताल पर रहे. हड़ताल के कारण मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव काम बंद कर सड़कों पर सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करते दिखे. राजधानी रांची के अलवर्ट एक्का चौक पर बीएसएसआर यूनियन के बैनर तले मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिवों ने कृषि कानून की तरह सरकार को लेबर कोड में किये गये बदलाव को वापस लेने की धमकी दी. इनलोगों को कहना है कि अगर मान नहीं मानी गई तो 23 और 24 को होने वाले हड़ताल को और भी व्यापक बनाया जायेगा. गौरतलब है कि झारखंड में 38 हजार मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, वहीं देश भर में इनकी संख्या 5 लाख बताई जा रही है.
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16 सूत्री मांगों के समर्थन में रहा हड़ताल:इनकाकहना है कि 44 श्रम कानूनों को रद्द करते हुए सरकार चार लेबर कोर्ट में लागू कर रही है. इसके तहत सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज एक्ट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यह लड़ाई आम जनता के लिए भी है. दवा एक अत्यंत जरूरतमंद चीज है. गरीब से लेकर अमीर तक इस्तेमाल करते हैं. यह जीवन रक्षक भी है. उस पर सरकार टैक्स के जरिये मुनाफाखोरी कर रही है. 2016 से पहले 5 फीसदी दवा पर टैक्स लगती थी, लेकिन आज यह बढ़कर 12 फीसदी हो गई है. सरकार लोगों को रोहत देने की जगह पर उनका शोषण कर रही है.