रांची: मेयर आशा लकड़ा ने राजधानी रांची में लगातार कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने शनिवार को जिले के डीसी को पत्र लिखकर 6 बिंदुओं पर 48 घंटे के अंदर विस्तृत जानकारी देने को कहा है. मेयर ने चेतावनी दी है कि अगर जानकारी नहीं दी जाती है तो उन्हें मजबूरन उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा.
मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, फिर भी जिले के डीसी डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को दरकिनार कर खुद निर्णय ले रहे हैं. जबकि इसमें मेयर की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, लेकिन लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक डीसी अपनी हठधर्मिता पर अड़े रहे हैं. डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत गठित कमिटी की बैठक बुलाने के लिए डीसी को पहले भी तीन बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन डीसी ने न तो कमिटी की बैठक बुलाई है और न ही पत्र का जवाब देना उचित समझा. डीसी के इस आचरण से ऐसा लगता है कि वे कानून की भी भाषा नहीं समझते हैं और खुद को कानून से ऊपर समझ रहे हैं. उन्होंने पत्र का जवाब नहीं देकर मेयर पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.
ये भी पढ़ें: बोकारो: खिलौने में मिला जिलेटिन बम, किया गया डिफ्यूज
उन्होंने कहा कि डीसी को यह जानकारी होनी चाहिए कि पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे राजधानी रांची भी अछूती नहीं है. बफर जोन हिन्दपीढ़ी को भी डीसी ने खुद सील मुक्त करने का आदेश दे दिया. अगर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत गठित कमिटी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाती, तो वर्तमान में यह हाल नहीं होता. हिंदपीढ़ी सीलमुक्त करने के बाद भी वहां कोरोना मरीज पाए जा रहे हैं. डीसी द्वारा लिया गया निर्णय आने वाले समय के लिए भयावह स्थिति का संकेत दे रहा है. साथ ही बाजार भी खोल दिए गए हैं. जिसमें फिजिकल डिस्टेंस का पालन कराने में प्रशासन पूरी तरह से विफल है.