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चार संविदा सहायक इंजीनियर की सेवा विस्तार की अनुशंसा पर शो-कॉज, मेयर ने सहायक नगर आयुक्त से मांगा जवाब - show-cause issued by mayor asha Lakra to AMC in ranchi

रांची में संविदा पर कार्यरत कर्मियों को गुपचुप तरीके से सेवा विस्तार देने की अनुशंसा करने के मामले में मेयर आशा लकड़ा ने सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार सिंह को शो-कॉज किया है. साथ ही इस मामले में सहायक नगर आयुक्त से 3 दिनों के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है.

Mayor Asha Lakra issued show-cause to AMC in ranchi
Mayor Asha Lakra issued show-cause to AMC in ranchi

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Published : Dec 7, 2020, 8:54 PM IST

रांची: कांट्रैक्ट पर कार्यरत 4 सहायक इंजीनियर को गुपचुप तरीके से सेवा विस्तार देने की अनुशंसा करने वाले सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार सिंह को शो-कॉज नोटिस दिया गया है. यह शो-कॉज नोटिस मेयर आशा लकड़ा ने दिया है. इस मामले में उनसे अगले 3 दिन के अंदर विस्तृत जवाब मांगा गया है.

क्या है मेयर का कहना

मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि निर्धारित समयावधि के अंदर जवाब नहीं दिए जाने पर उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. मेयर ने सहायक नगर आयुक्त से पूछा है कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में किए गए प्रावधानों के तहत राज्य सरकार की ओर से संविदा पर प्रतिनियुक्त कर्मियों की सेवा विस्तार से संबंधित प्रस्ताव नगर निगम परिषद की बैठक में क्यों नहीं लाया गया, किस आधार पर यह तर्क देते हुए फाइल बढ़ाई गई कि नगर विकास विभाग से जिन कर्मियों की संविदा पर नियुक्ति की गई है, उन कर्मियों के सेवा विस्तार का अधिकार भी नगर विकास विभाग को ही है.

नियम का उल्लंघन

मेयर ने बताया कि 1 दिसंबर 2020 को नगर आयुक्त से पत्राचार कर 4 सहायक अभियंताओं की नियुक्ति से संबंधित फाइल की मांग की गई थी. संबंधित फाइल देखने के बाद यह जानकारी मिली कि इन 4 सहायक अभियंताओं के सेवा विस्तार से संबंधित अनुशंसा रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति लिए बिना की गई है, जो झारखंड नगरपालिका अधिनियम की धारा-55(4) का उल्लंघन है.

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लोगों को किया गुमराह

मेयर ने सहायक नगर आयुक्त को जारी किए गए शो-कॉज में यह भी लिखा है कि उन्होंने सहायक अभियंताओं के सेवा विस्तार से संबंधित जानकारी से नगर निगम परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों को गुमराह किया और 9 जून 2020 को 4 सहायक अभियंताओं के वेतन भुगतान से संबंधित प्रस्ताव पारित कराया है. लिहाजा सहायक अभियंताओं के वेतन भुगतान से संबंधित पारित प्रस्ताव पर रोक क्यों नहीं लगाई जाए, क्या आपको यह जानकारी नहीं है कि राज्य सरकार के माध्यम से संविदा पर नियुक्त किए गए सहाय अभियंता, कनीय अभियंता, सिटी मैनेजर और अन्य किसी पद पर नियुक्त किए गए कर्मियों के सेवा विस्तार से संबंधित अनुशंसा झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में किए गए प्रावधानों के तहत करना है.

मामले की समीक्षा क्यों न करें

मेयर ने सहायक नगर आयुक्त को लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि वे स्वयं विधि शाखा के प्रभारी हैं. फिर भी उन्होंने कानूनी परामर्श लिए बिना स्वतः यह निर्णय कैसे ले लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि सहायक नगर आयुक्त ने पहले भी बाजार शाखा से संबंधित फाइल किसी खास एजेंसी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से झारखंड नगरपालिका अधिनियम की अनदेखी कर आगे बढ़ाई थी, जिसके कारण रांची नगर निगम को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति हुई थी. इस मामले को लेकर आपको पहले भी शो-कॉज किया गया था. लेकिन उन्होंने शो-कॉज किए जाने के बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया था. ऐसे में प्रश्न उठता है कि उनके प्रभार में शामिल विभागों ट्रांसपोर्ट शाखा, विधि शाखा, लेखा शाखा, विद्युत शाखा, स्थापना शाखा, भू-संपदा शाखा और भुगतान से संबंधित मामलों की समीक्षा कर जांच क्यों न की जाए.

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