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अब भी झारखंड से बाहर फंसे हैं 4 लाख से ज्यादा मजदूर, अपनी बारी का कर रहे हैं इंतजार - झारखंड के हजारों प्रवासी मजदूर को घर आने का इंतजार

झारखंड के लाखों श्रमिक अभी भी देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं. लाखों प्रवासी श्रमिकों ने ट्रेन के जरिए प्रदेश लौटने को लेकर पंजीकरण कराया है और वे इस इंतजार में हैं कि उनका नंबर कब आएगा और वह ट्रेन के जरिए अपने प्रदेश लौट सकेंगे या नहीं. दिन-प्रतिदिन उनकी समस्या बढ़ती जा रही है.

विभिन्न प्रदेशों में फंसे हैं झारखंड के हजारों प्रवासी श्रमिक
many migrant workers of Jharkhand waiting to return home

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Published : May 26, 2020, 7:08 AM IST

Updated : May 26, 2020, 6:02 PM IST

रांची: झारखंड के लाखों श्रमिक अभी भी देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं. लाखों प्रवासी श्रमिकों ने ट्रेन के जरिए प्रदेश लौटने को लेकर पंजीकरण कराया है और वे इस इंतजार में है कि उनका नंबर कब आएगा और वह ट्रेन के जरिए अपने प्रदेश लौट सकेंगे. हालांकि लाखों श्रमिक अपना प्रदेश लौट भी चुके हैं. कुछ होम क्वॉरेंटाइन में है तो हजारों श्रमिक राज्य सरकार के क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

प्रदेश लौटने को लेकर रजिस्ट्रेशन

श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए अपने प्रदेश लौटने को लेकर हजारों श्रमिक इंतजार कर रहे हैं. हर कदम पर इन श्रमिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश लौटने को लेकर इनका डगर आसान नहीं है. राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए लिंक के माध्यम से श्रमिक प्रदेश लौटने को लेकर रजिस्ट्रेशन लगातार करवा रहे है. रजिस्ट्रेशन के दौरान भी इन श्रमिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. लिंक के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना इनके लिए इतना आसान नहीं है, लेकिन लोगों की मदद लेकर लाखों प्रवासी श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है.

स्टेशन पर जांच करते पुलिस अधिकारी

श्रमिकों के फंसे होने की जानकारी

अब ये मजदूर इंतजार में है कि उनका नंबर कब आएगा और उन्हें कब ट्रेनों के जरिए अपना प्रदेश वापस भेजा जाएगा. आंकड़ों की बात करें तो अब तक राज्य लौटने के लिए सरकार की ओर से जारी लिंक के माध्यम से 7 लाख 26 हजार 842 से अधिक प्रवासी श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. राज्य सरकार के कंट्रोल रूम में प्रदेश लौटने को लेकर 10 लाख 29 हजार 321 से अधिक लोगों ने फोन कर फंसे होने की जानकारी दी है.

मजदूरों की वीडियोग्राफी

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प्रदेश लौटने को लेकर रजिस्ट्रेशन

हालांकि, राज्य सरकार 3 लाख 60 हजार श्रमिकों को ही ऑथेंटिक मान रही है. क्योंकि इतने लोगों ने सीएम की ओर से दिए जा रहे पैसे के लिए आवेदन दिया था, जिसमें संबंधित श्रमिकों के तमाम कागजात को भी अपलोड किया गया है, जिसमें आधार कार्ड, फोटो और आईडी जैसे कागजात शामिल है, लेकिन जारी सरकारी लिंक कि अगर बात करें तो इस लिंक के अनुसार अब तक साढ़े सात लाख प्रवासी श्रमिक लिंक के माध्यम से प्रदेश लौटने को लेकर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.

स्टेशन से निकलते मजदूर

150 ट्रेनें लौट चुकी है झारखंड

विभिन्न प्रदेशों से लगभग 150 ट्रेनें पहुंच चुकी है. झारखंड में अगर ट्रेनों की बात करें तो झारखंड सरकार की ओर से 200 ट्रेन को प्रदेश में रिसीव करने को लेकर एनओसी दी गई है, जिसमें रांची रेल मंडल समेत अन्य रेल मंडलों को मिलाकर लगभग 150 ट्रेनें झारखंड लौट चुकी है और भी कई ट्रेनें लगातार गंतव्य के लिए निकल चुकी है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो इन ट्रेनों में सोमवार तक 1 लाख 70 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक झारखंड लौट चुके हैं.

सड़क पर टहलते मजदूर

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डेढ़ लाख से अधिक लोग होम क्वॉरेंटाइन

जानकारी के मुताबिक 1 लाख 12 हजार 189 लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए हैं और इस आंकड़े में लगातार इजाफा हो रहा है. आंकड़े तो यह भी कहते हैं कि 1 लाख 57 हजार 941 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन के लिए निर्देशित किया गया है. यह भी आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. राज्य भर में सरकारी स्कूलों के अलावा विभिन्न सामुदायिक केंद्रों को मिलाकर कई क्षेत्रों में 7 हजार 42 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसमें प्रवासी मजदूरों को रखा जा रहा है.

बढ़ रहा है श्रमिकों का आंकड़ा

रांची रेल मंडल में औसतन प्रत्येक दिन 1 हजार यात्री शुरुआती दौर में पहुंच रहे थे, लेकिन अब यह औसत बढ़कर 5 हजार हो गए हैं. पिछले 4 दिनों में ट्रेनों की आवाजाही भी रांची रेल मंडल में बढ़ी है और एक साथ एक दिन में कुछ समय के अंतराल में चार से पांच ट्रेनें आ रही है और इन ट्रेनों में 5 हजार यात्री एक दिन में सिर्फ रांची पहुंच रहे हैं. ऐसे ही राज्य के अन्य रेल मंडलों में भी एक दिन में करीब 5 से 6 हजार यात्री रोजाना पहुंच रहे हैं और लगातार यह आंकड़ा बढ़ रहा है.

Last Updated : May 26, 2020, 6:02 PM IST

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