रांची:एक तरफ जहां राज्य के स्वास्थ्य कर्मी कोरोना का टीका लगाकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं वहीं, दूसरी ओर टीका लगाने से कुछ स्वास्थ्य कर्मियों की तबीयत भी बिगड़ रही है. ऐसा ही एक मामला रांची के मेदांता अस्पताल में देखने को मिला. दरअसल, एक फरवरी को कोरोना का टीका लगवाने के बाद मेदांता के स्वास्थ्य कर्मी मनु पाहन की तबीयत खराब हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि वे पहले स्वस्थ थे और कोरोना के टीके से ही उनकी मौत हुई है.
कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट से नहीं हुई मनु पाहन की मौत, जांच के बाद होगा स्पष्ट: सिविल सर्जन - कोरोना वैक्सीन लेने के बाद मनु पाहन की मौत
मनु पाहन की मौत मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर वीबी प्रसाद का कहना है कि अब तक जांच में यह पता चला है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट के चलते मौत नहीं हुई है. राज्य में लाखों लोगों ने टीका लगवाया है और इस तरह की घटना सामने नहीं आई है.
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सिविल सर्जन डॉक्टर वीबी प्रसाद का कहना है कि अब तक की जांच में यह पता चला है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट के चलते मनु पाहन की मौत नहीं हुई है. राज्य में हजारों लोगों ने टीका लगवाया है और इस तरह की घटना सामने नहीं आई है. पोस्टमार्टम और अन्य जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मौत का क्या कारण है? मेदांता के निदेशक ने बताया कि मनु पाहन को हाईपरटेंशन और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी थी. वह टीका लेने के दो दिन बाद तक अस्पताल में काम करने आया था.