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लॉकडाउन के कारण कई फल मंडियों में लटका ताला, ग्राहकों पर पड़ रही है महंगाई की मार - रांची के फल की किल्लत

लॉकडाउन की मार देश के सभी वर्गों पर पड़ा है, लेकिन छोटे व्यापारियों पर इसका खासा प्रभाव पड़ा है. पूरे देश में रमजान जारी है इसे लेकर फलों की मांग भी पढ़ गई है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से फल नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण राजधानी में एक तो फल नहीं आ रहा है और बचा हुए स्टॉक भी समाप्ति की कगार पर है, जिसके कारण महंगाई भी सातवें आसमान पर चली गई है.

Lock hanging in many fruit shops due to lockdown in ranchi
लॉकडाउन के कारण कई फल मंडियों में लटका ताला

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Published : Apr 28, 2020, 5:57 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बचाव को लेकर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन का प्रभाव छोटे-बड़े सभी वर्ग के व्यापार पड़ रहा है. फल मंडी में भी लॉकडाउन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है, जिसके कारण आम जानों को भी परेशानी हो रही है.

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लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से आने वाला फल नहीं आ रहा है, जिसके कारण फल विक्रेता के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मंडी में फल नहीं आने के कारण महंगाई भी बढ़ गई है.

राजधानी में फलों की किल्लत

राजधानी रांची में छोटे-बड़े कई फल मंडी हैं, जहां से रांची समेत कई दूसरे जिलों में भी फल की आपूर्ति की जाती है, लेकिन देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों से आने वाला फल यहां के मंडी में नहीं पहुंच पा रहा है, जिसके कारण कई फल मंडी या तो बंद हो गए हैं या फिर कई फल मंडी बंद होने के कगार पर है.

मार्केट में नहीं आ रहे फल

थोक विक्रेता के पास स्टॉक की कमी

थोक फल विक्रेता की मानें तो शहर में फल आपूर्ति के लिए महज 8 से 10 दिनों का ही मंडी में स्टॉक है, एक समय था जब इस मंडी से जिले के विभिन्न शहरों में फल भेजे जाते थे, लेकिन अभी फल मंडी में ही स्टोर काफी कम है. लॉकडाउन के कारण मार्केट में 80% फल स्टोर से ही फल आ रहे हैं. स्टोर में कम फल रहने के कारण फलों के दाम में काफी वृद्धि हो रही है, क्योंकि शहर में जितने भी फल मिल रहे हैं वह ओरमांझी, रातू, हजारीबाग कुजू के स्टोर से बाजार में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. स्टोर में भी अब स्टॉक काफी कम हो गया है. यही कारण है कि बाजारों में फलों का डिमांड ज्यादा हो गया है और किमतों में भी इजाफा हो गया है.

स्टॉक से अंगूर गायब

डाउन से पहले फल की कीमत और लॉकडाउन के बाद फल की कीमत में अंतर

फल कीमत पहले(प्रति किलो) कीमत अब (प्रति किलो)
सेब 70 रु 100 रु
संतरा 40 रु 80 रु
लाल सेब 160 रु 180 रु
अनार 70 रु 100 रु
अंगूर 60 रु 80 रु
केला 30 रु 50 रु
तरबूज 14 रु 20 रु
खरबूज 40 रु 60 रु
आम 150 रु 200 रु

रांची शहर में खुदरा फल दुकान काफी कम लग रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम के लोगों का पाक महीना रमजान भी शुरू हो गया है, जिसके कारण फल की डिमांड बढ़ गई है. लोगों को फल आसानी से मिले इसको लेकर खुदरा फल विक्रेता दूसरे जिलों से फल मंगा कर बेच रहे हैं.

सातवें आसमान पर आम कि कीमत

ग्राहक भी बरत रहे सावधानी

खुदरा फल विक्रेताओं की मानें तो दूर दराज से फल मंगाने में ट्रांसपोर्ट चार्ज की लागत बढ़ गई है, जिसको लेकर कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है, क्योंकि इस वक्त फल या तो हर दूसरे राज्यों से आ रहे हैं या फिर स्टोर में रखे फल बाजार में मिल रहे हैं. खरीदारों की मानें तो फल खरीदते समय काफी सतर्कता बरत रहे हैं. उन्हें डर है कि कहीं जो फल खरीद कर घर ले जा रहे हैं उनके जरिए ही संक्रमण उनके घर तक ना पहुंच जाए.

झारखंड में गर्मी के इस मौसम में तरबूज, खरबूज को छोड़कर कोई भी मौसमी फल की पैदावार बड़े पैमाने पर नहीं होती है, जबकि इस समय मौसमी फल की मांग काफी बढ़ जाती है. आम, अंगूर, सेब, केला संतरा जैसे फल दूसरे राज्यों से मंगाकर यहां पूर्ति की जाती है. इन मौसमी फल का आयात बड़े पैमाने पर होगी, तभी फलों की डिमांड पूरी की जा सकती है.

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