रांची:उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने 4 साल में राजस्व की वृद्धि को लेकर अपनी उपलब्धियां गिनाई. विभाग ने बताया कि सरकारी दुकानों के अलावा अब मॉल और खुदरा विक्रेताओं की अन्य दुकानों में भी शराब की बिक्री की जाएगी.
शराब से राजस्व में 28% की वृद्धि
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि बीते 2017-18 के मुकाबले इस साल शराब से राजस्व में 28% की वृद्धि हुई है. वहीं, वित्तीय वर्ष 19-20 में अट्ठारह सौ करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति लक्ष्य रखा गया है. झारखंड में शराब बिक्री के लिए 1 हजार 634 दुकानों की स्वीकृति हुई हैं, जिसमें से 6 हजार 719 दुकानों का ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर लॉटरी के माध्यम से दुकान वितरण भी किया गया.
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पॉलिसी में भी किया गया बदलाव
राजस्व की इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत शराब का आयात और निर्यात की धार बढ़ाई और घटाई गई है. सरकार ने नई आयात शुल्क को बढ़ाया है और निर्यात शुल्क कम किया है. राज्य में होटलों, रेस्टोरेंटों और बाहरी लोगों की संख्या कम होने की वजह से पॉलिसी में भी बदलाव किया गया है.
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राजस्व के लिए बढ़ाई जाएगी होटल और रेस्टोरेंट की संख्या
सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि राज्य में राजस्व प्राप्ति के लिए होटल और रेस्टोरेंट की संख्या बढ़ाई जाएगी, साथ ही इन पर नियंत्रण रखने के लिए एक सौ अधिकारियों की बहाली 2016 में ही की गई थी. उन्होंने बताया कि उत्पाद अभियोग और छापामारी को बल देने के लिए झारखंड सरकार द्वारा विभाग के लिए बोलेरो जैसी 30 नई गाड़ियों की खरीदारी की गई है, जिससे झारखंड में अवैध शराब कारोबारियों पर नकेल कसा जा सके.